शिक्षक-शिक्षा पर मंथन आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* शिक्षक दिवस विशेष……….. जैसे पांचों उंगलियां एक समान नहीं होतीं,उसी प्रकार प्रत्येक शिक्षक पूजनीय या निंदनीय नहीं होता। आज अधिकांश शिक्षक अपना महत्व खो रहे हैं,क्योंकि भारी-भरकम ट्यूशन शुल्क और धन के बल पर परीक्षा उत्तीर्ण करवाने वाले शिक्षकों का सम्मान आखिर विद्यार्थी कब तक करेंगे ?यह सत्य … Read more

भारत और चीन के कड़वाहट भरे रिश्ते

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… सर्वविदित है कि भारत और चीन के रिश्तों में हमेशा कड़वाहट रही है। यह किसी से छुपी नहीं है,बल्कि जगजाहिर है।१९६२ के दशक में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था। फलस्वरूप भारत की जान-माल की अत्यंत हानि हुई थी,किन्तु … Read more

शत्रु भी लोहा मानते थे शौर्य-समर्पण का

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. ९ मई १५४० ईसवीं को राजस्थान में उदय सिंह व जयवंताबाई के राजमहल में जन्मे महाराणा प्रताप सिंह भारत एवं भारतीयों की शान और मान हैं’जो परमवीर अद्वितीय योद्धा थे। उनकी शौर्य गाथा,उनका नाम सिमरन करते ही शरीर में वीर रस … Read more

चुनौतियों से निखरता है व्यक्तित्व

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* चुनौतियों की पवित्रता का रसपान धरा पर बिरले ही करते हैं,क्योंकि कायरों को चुनौती शब्द ही दिन को तारे दिखा देता है,जबकि महारथियों, ज्ञानियों,विद्वानों,मुनियों,आलोचकों,साहित्यकारों, शूरवीरों,महावीरों और कर्मवीरों के लिए चुनौती अमृत समान है,जिसे पीने के लिए वह हमेशा लालायित रहते हैं। चूंकि,वह जानते हैं कि कुम्हार द्वारा … Read more

कोरोना:गरीबों,मजदूरों व किसानों का योगदान अनमोल

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* `करेला और ऊपर से नींम चढ़ा` वाली कहावत “कोरोना` की जंग में गरीब मजदूरों का योगदान क्या है ?”,पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। उक्त प्रश्न में ‘गरीब’ और ‘मजदूर’ शब्द का प्रयोग एकसाथ किया गया है,जबकि यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक गरीब,मजदूर हो और … Read more

`कोरोना`: जीवन शैली बदलने का संकेत,समय भी

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* बदलाव प्रकृति का नियम है और जीवन का आधार प्रकृति है। इसलिए `कोरोना` हो या कोई भी अन्य विकट वैश्विक चुनौती,जीवन-शैली बदलने की अति आवश्यकता होती है। चूंकि,प्रकृति जीवन जननी है और प्रत्येक जीव-जन्तु प्रकृति की कोख से उत्पन्न हुआ है,जिसे विभिन्न धार्मिक ग्रंथ एवं विद्वानों सहित … Read more

मानव को प्राकृतिक संदेश ‘कोरोना’

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. बदलाव प्रकृति का नियम है और जीवन का आधार प्रकृति है। इसलिए ‘कोरोना’ हो या कोरोना जैसी कोई भी अन्य विकट वैश्विक चुनौती,जीवन-शैली बदलने की अति आवश्यकता होती है। चूंकि,प्रकृति जीवन जननी है और प्रत्येक जीव-जन्तु प्रकृति की कोख से उत्पन्न हुआ … Read more

अब ‘मित्र’ शब्द की पवित्रता भूले

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* ‘मित्र’ वह जो विपत्ति में काम आए, अर्थात मुसीबत,कष्ट,आपदा,मुश्किल,संकट जैसे क्षणों मे सहभागी बने,सहयोग करे,वह मित्र कहलाता है। दूसरी ओर जो विपत्ति, मुसीबत,कष्ट,आपदा,संकट इत्यादि का कारण बने और असहयोग करे,वह शत्रु से भी धूर्त माना जाता हैl यूँ कहें कि जिसके ऐसे मित्र हों,उन्हें शत्रुओं की आवश्यकता … Read more

आशावादी होना सबसे बड़ी ताकत

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* नि:संदेह आशावादी होना जीवन की सबसे बड़ी ताकत है,क्योंकि जब सब ओर से जीवन की नाव डूब रही हो,तब आशा की एक किरण भी जीवन को बचा लेती है। तभी ‘डूबते को तिनके का सहारा’ वाली कहावत चरितार्थ होती है। अध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक मान्यता है कि आशा … Read more

संवैधानिक देशप्रेम ही श्रेष्ठ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* राष्ट्र सर्वोपरी है,जिसकी आन,बान व शान के लिऐ देश का प्रत्येक देशवासी हर समय हर प्रकार का त्याग व बलिदान करने पर गौरव अनुभव करता है। यह देश के प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है और अधिकार भी है। सर्वविदित है कि भावना से कर्त्तव्य हमेशा ऊँचा होता … Read more