दिल से जो प्यार करते हैं…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिल के झरोखों से, सब कुछ दिखता है। तभी तो दिल हमारा, एकदम साफ रहता है। तभी तो प्यार के लिए, दिल मेरा उमड़ता हैll दूर होकर भी आप मेरे, बहुत करीब जो रहते हो। लगती है चोट तुमको, दर्द हमें महसूस होता है। क्या इसे ही दो दिलों का, लोग … Read more

धर्मयुद्ध

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** जब रणभूमि में आ आमने-सामने शक्तियाँ धर्म अधर्म की टकरातीं हैं, योद्धाओं के सिंहनाद से यह धरा भयभीत होकर बार-बार थर्रातीं है। तब भी यदि कोई योद्धा किसी के बुलावे का मानो इंतज़ार करता है, देखे धर्म को लड़ते अधर्म से मात्र अपने ऊपर ही वह प्रहार करता है। हराने को … Read more

जन्नत से हुई मन्नत पूरी…

डॉ.रीता जैन’रीता’ इंदौर(मध्यप्रदेश) *************************************************** प्रकृति के सौंदर्य के खजाने को जिसे कश्मीर कहते हैं,इस जन्नत को वहां जाकर निहारा तो मानो हमारी मन्नत पूरी हो गई। हमारी यह शुभ यात्रा १४ से २० अप्रैल(२०१९)सही मायने में सार्थक हो गई। प्रकृति का हर एक रंग यहां देखने को मिला। यह पूरी यात्रा ट्रेवल्स द्वारा तैयार की … Read more

नियमों में फँसी वाहनों की हिंदी अंक पट्टी

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** हिंदी को राष्ट्रभाषा स्थापित होने के लिए सौ वर्ष हो गए और वह राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई या सकी,तथा शायद भविष्य भी कोई उज्जवल नहीं दिखाई दे रहा हैl किसी भी भाषा,धरम,संस्कृति के विकास के लिए राज्य आश्रय का होना आवश्यक है,पर हमारे देश में भाषा के कारण बंटवारा हो जाता … Read more

ये कैसी प्यास है

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ भावना और भाव, दोनों में अंतर हैl प्यार और प्यास, दोनों आपस में क्या एक-दूसरे के पूरक हैं ! मैं कुछ समझा, और न समझा। मुझे कुछ ज्ञात ही, नहीं हो रहा हैll शायद आप ही, समझा सकें अब हमें। लेकर यही आस, आये हैं आपके पास। की रुबरू होकर, हमें … Read more

कीजिए खूब ‘मतदान’

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* कीजिए मिलकर प्रेम से,खूब मतदान, बनेगा इसी से अपना भारत देश महान। बेहतर भविष्य चाहिए, ‘मत’ दे आईए, नेताओं को समझिए,देशहित सोचिए। बदलाव लाना है तो कदम बढ़ाने होंगे, ‘मत’ अमूल्य है,कभी जाया न कीजिए। सोचें जो क्षेत्र-देश की, ‘मत’ उसे ही दीजिए, दागियों को सीधे अब ‘पराजित’ कीजिए। अपराधियों … Read more

उठता धुआँ..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कर बंदगी- धुआँ बन उड़ती, यह जिंदगीl कर तू दुआ- न जले कोई घर, न उठे धुआँl उठता धूम्र- दूषित होती हवा, घटती उम्रl जिंदगी जुआ- समझ कर खेल, उठता धुआँl मन को छुआ- किसी की जिंदगी से, हटता धुआँl परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। … Read more

प्रधान सेवक का अहं विकास में बाधक

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** एक जमाना था जब कुआँ और तालाब चोरी हो जाते थे,तथा बाँध भी ग़ुम जाते थे और उनकी जाँच होने पर सही होती थी पर वर्तमान में हमारे प्रधान सेवक ने कहा कि गढ्ढे भरने का काम किया है तो इसका अर्थ दो प्रकार का है-जैसे प्रधान सेवक ने इतना काम … Read more

चूं चूं का चुनावी भूत

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** जवानी में नींद नहीं खुलती और बुढ़ापे नींद आती नहीं। जवानी में जॉगिंग जी का जंजाल लगती है,तो बढ़ापे में जीवन का सार। जवानी में हर काम कर लेंगे की भावना से छोड़ते चले जाते हैं और बुढ़ापे में अभी कर लो कल रहे या नहीं रहें। खैर,इसका मतलब … Read more

ख़त….

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ ख़ामोश लब- लिखे हुए खतों में, छुपा है दर्द। मधुर स्मृति- बंद लिफ़ाफ़े में हैं, सुर्ख़ गुलाब। न कोई बात- चेहरा है बुझा-सा, नहीं जज़्बात। भीतरी घात- दर्द के अफ़साने, गुजरी रात। यही है किस्सा- गुमनाम ज़िन्दगी, मेरा है हिस्सा। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। … Read more