मुझे आज कुछ कहना है माँ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ अन्तर्राष्ट्रीय मातृ दिवस’ विशेष.... माँ, इस 'मातृ दिवस' के अवसर पर आपसे कुछ कहना है। माँ,आपका दिन किसी एक दिन का मोहताज़ नहीं है,पर यदि महिला…

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इस्तीफा

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ 'राखी' प्रतिष्ठित एन.जी.ओ. में काम करने वाली सुंदर,होशियार व एक सुलझे हुए विचारों की युवती थी। अपना काम और घर व प्यारी-सी दो बेटियों को बहुत…

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जल्दी निर्णय करना होगा

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************ पहले कोरोना एक था आया,अब है रूप कई धर लायात्रस्त हुआ तंत्र और शासन,पस्त है गण और प्रशासन। कान सुनते थे वुहान-वुहान,अब केवल गई जान-जानहर आयु…

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आस्था और अंधविश्वास में जमीन-आसमान का अन्तर

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** हमारा भारतवर्ष एक धार्मिक देश के रुप में विख्यात है। हमारे देश के हर धर्म में आस्थावानों की कमी नहीं है। जिन लोगों का भारतीय संस्कृति से लगाव…

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किताब…मेरी संगिनी

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… बचपन में चलने की दस्तक और हाथों में पुस्तक…दोनों से रूबरू होने का मौक़ा अमूमन एक साथ हुआ,‘क’ से कलम…

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सच्ची साथी…

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… इंसान का कोई सबसे अच्छा साथी है,तो वो है 'पुस्तक।' पुस्तक से बढ़कर शायद ही कोई सच्चा साथी हो इंसान का इस दुनिया…

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अनकहे रिश्ते

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** विनोद इस साल हाई स्कूल की परीक्षा दे रहा था, उसका सेन्टर काफी दूर पड़ा था,गाँव के कुछ लड़कों का भी सेन्टर वही पड़ा था।विनोद का परिवार बहुत…

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दया

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** रमेश रोज की तरह आज भी अपने विद्यालय से पैदल ही आ रहा था। तभी उसकी नजर सड़क किनारे चोटिल कुत्ते के बच्चे पर चली गई। वह समझ…

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जल जीवन

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… जल ही जीवन…सच है मान,जल का महत्व…ले पहचान। जल से जन्में,जल में हींपले-बढ़े,हुए प्रगतिशील,कहीं रोक रखा है पानीकहीं पानी…

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परवाह करो हर बूँद की

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष... वो बूँदें बह चुकी है,बर्बाद हो उठी हैज़मीन की वो भीनी-सी नमी,गुज़रे दौर की बात हो उठी है।वो सूखते दरिया,वो…

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