घरों में रहो

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* घरों में रहो- 'कोरोना' से डरो ना, सुरक्षित है। कोरोना रोग- सावधानी रखिए, बचे रहोगे। दवाई नहीं- बचाव परहेज़, भागा कोरोना। एक मीटर- सुरक्षित कोरोना,…

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लड़ाई है ये मानवता के हक की

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* बन कर सिपाही, लड़ाई है ये लड़नी। अपने घरों से अपनी स्वेच्छा से, समय की विकट परिस्थिति को समझो। हमें एक होकर, इस कठिन घड़ी…

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रिश्ते भी एक दिवसीय हो गए

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* 'वन-डे' का ज़माना है तो आजकल रिश्ते भी, एक दिवसीय हो गए। आज याद दिलाया जाएगा, कि आप महिलाएं हैं और आज, 'महिला दिवस' है।…

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बिछुड़े लम्हें

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* बिछुड़ गए कुछ लम्हें मुझसे, जाने क्यों मालूम नहीं ? पाया था उन लम्हों में मैंने, खुशियों का अनमोल खज़ाना। क्या होता है ? प्रेम…

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बासन्ती रुत

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* बासन्ती रुत आयी, सखी री! बासन्ती रुत आयी। लहर-लहर चुनरी लहराई साजन सूरत जो हृदय बसाई, मनमोहक छटा मन भायीl सखी री! बासन्ती रुत आयी।…

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सैनिक

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* देश की सीमा पर जो तैनात है सैनिक, देश का मज़हब,और ये जात है सैनिक। धड़कता है दिल सदा वतन के नाम पर, सुरों की…

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वो ख़त

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* अब वो ज़माने कहाँ रहे ? जब इंतज़ार रहता था डाकिये का बेसब्री से, उसकी साइकिल की घण्टी सुनकर धड़कता था दिल, कि लाया होगा…

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यादें

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* यादें, आसमान से उतरी एक रात, ठहर गयी बोझिल पलकों पे। शुरू हुआ सफ़र तेरी याद की यादों का, लम्हा-लम्हा बहता गया, शुष्क आँखों से…

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आभास

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* आज हृदय में एक अनोखी, पीड़ का आभास है। पुष्प की ज्यूँ पाँखुड़ी में, सुवास का वास है। वेदना के अधरों पर अनमनी-सी मुस्कान है,…

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दूर करें तम

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* अंतर्मन से दूर करें तम, खुशहाली का हो आगमन। चहुँओर उजियारा बरसे, कोई कहीं उदास न तरसे। देकर खुशियाँ ले ले ग़म, अंतर्मन से दूर…

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