मुझे बसा लेना तुम
रंजन कुमार प्रसादरोहतास(बिहार) ******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से झील-से हैं नैन तेरे,चाँद जैसा मुखड़ा हैअपने नैन झील में,मुझे बसा लेना तू। क्या करें तुम्हारे बिना,नहीं रह पाते हमकजरारी अँखियों में,मुझे सजा लेना तू। सलाखों से गुजरकर,हवा जब आती है तोप्यार हौले-हौले जरा,मुझे कर लेना तू। रुखसत-सी जिंदगी,देखो हो गई है मेरी।प्रेम रस घोल … Read more