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जागो नारी

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’
भंगवा(उत्तरप्रदेश)
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महिला सुरक्षा बिल,
महिला समता अधिकार,
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ
यंत्र नारीषु पूज्यंते,
सब की निकली हवा
बलात्कार का घिनौना,
क्रम बढ़ता हुआ,
महिला अधिकार
मानवाधिकार,
की ये चलती फर्जी दुकानें
बंद करो,बंद करो,
महिलाओं उठो,उठो
अपनी सुरक्षा के लिये,
क्रांति करो
पुरुष नाकारा,आवारा,
दुष्कर्मी व नपुंसक है
अपनी सुरक्षा को,
दुर्गा,काली,रणचंडी व
फूलन बनो,
अपराधी पुलिस संरक्षण
में मौज करे,
जब तक ये होगा
बलात्कार बढ़ेंगें,
वकील साबित करेंगे-
बच्चे हैं ग़लती हो गयी,
पुलिस के दबाव में
कुबूल किया अपराध,
अभी ये नाबालिग है
या इन्हें जबरन गया फँसाया,
बड़ी लंबी उबाऊ
शर्मसार करने वाली,
प्रक्रिया है ये न्याय की विधा
फैसला आते-आते,
न जाने कितनी और
निर्भयाएं,प्रियंकाएं,
जल मर चुकी होंगी
अब चुप रहने का समय गया,
शांति मार्च,
कैंडल मार्च
शोक सभाएं,
ये तो समाज का
दिखावा है,
मन को न भरमाए
इतिहास से सबक लें,
बस दो-चार बलात्कारियों
को जिंदा जलाएं,
फिर देखें कैसे नहीं
रुकता बलात्कार,
दो-चार के पुरुष अंग
काट दें,
देखें कैसे नहीं
रुकता बलात्कार,
बस दो-चार के
सर काट दें,
देखें कैसे नहीं रुकता
ये अत्याचार,
पुख़्ता दबाव बनाएं
समाज पर,
सरकार पर
त्वरित न्याय के
लिए,
अपनी सुरक्षा के लिए,
हर वो क्रांति
अधूरी रही है,
जिसमें मातृशक्ति
की भागीदारी नहीं थी,
अब है सिर्फ एक
ही चारा,
बलात्कारियों का
बहनें खुद करें संघारा,
ये अपौरुषेय समाज
विलंबित न्याय,
टी.आर.पी. के
प्यासे खबरी चैनल,
सब बकवास हैं
उठो नारियों,
आत्मरक्षा हित
कमान सम्हालो,
क्रांति मचाओ
ये न देखो कौन,
किसके साथ है ??
बस नारी शक्ति,
तुम्हारे साथ हो॥

परिचय-गंगाप्रसाद पांडेय का उपनाम-भावुक है। इनकी जन्म तारीख २९ अक्टूबर १९५९ एवं जन्म स्थान- समनाभार(जिला सुल्तानपुर-उ.प्र.)है। वर्तमान और स्थाई पता जिला प्रतापगढ़(उ.प्र.)है। शहर भंगवा(प्रतापगढ़) वासी श्री पांडेय की शिक्षा-बी.एस-सी.,बी.एड.और एम.ए. (इतिहास)है। आपका कार्यक्षेत्र-दवा व्यवसाय है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त प्राकृतिक आपदा-विपदा में बढ़-चढ़कर जन सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-हाइकु और अतुकांत विधा की कविताएं हैं। प्रकाशन में-‘कस्तूरी की तलाश'(विश्व का प्रथम रेंगा संग्रह) आ चुकी है। अन्य प्रकाशन में ‘हाइकु-मंजूषा’ राष्ट्रीय संकलन में २० हाइकु चयनित एवं प्रकाशित हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक एवं राष्ट्रीय ज्वलंत समस्याओं को उजागर करना एवं उनके निराकरण की तलाश सहित रूढ़ियों का विरोध करना है। 

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