मेरे पापा

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* पापा मैं आप-सी बनना चाहती हूँ, सबका भार उठाए पीड़ा अंदर दबाए, चेहरे पर मुस्कान सजाए सबकी इच्छा पूरी करते, खुद के लिए कहां सोचते इतनी उर्जा कहां से लाते हो पापा! मैं उसे जीना चाहती हूँ, पापा मैं आप-सी बनना चाहती हूँll छोटे-छोटे खर्चे बचाना पंखा,लाइट बुझाना, पुरानी चीजें … Read more

राष्ट्रभाषा हूँ मैं

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. राष्ट्रभाषा हूँ मैं, उस देश महान की हिमालय के गोद में बसे, प्यारे हिन्दुस्तान की। युगों से ग्रंथ,काव्यों में, विचरती थी,हर लफ्ज पर मैं ही संवरती थी, आज ये हालात कि अपने ही देश में, मैं मेहमान-सी… मैं राष्ट्रभाषा हूँ, हिन्दुस्तान की। अब ‘हिंदी दिवस’ पर, … Read more

मेरे कृष्ण

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. हे देवकी पुत्र,यशोदा नंदन बसते हो राधा संग,वृंदावन, पुनः अवतरित हो जाओ नित नजरें निहारे डगर, प्रभु कब आओगे इधर हे जगत् के रखवाले कृष्ण। हे द्रौपदी की लाज बचाने वाले मथुरा का माखन चुराने वाले, नख पर पर्वत उठाने वाले साग विदुर घर खाने वाले, … Read more

जन्माष्टमी मात्र पर्व नहीं

रेनू सिंघल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥” जन्माष्टमी मात्र पर्व नहीं देवकी मैया के तुम जाये,गोद यशोदा की दुलराये। मथुरा के तुम राजदुलारे,गोकुल के तुम आँख के तारे। मुरलीमनोहर छवि मतवारी,जय जय जय जय कृष्ण मुरारी । संसार में जब-जब अत्याचार और पाप … Read more

आजादी के मायने

रेनू सिंघल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************************************************************** कैद पिंजरे में पंछी की निगाहें खुले आसमान को ताकती हैंl जिस हसरत से पिंजरा खुलते ही खुले आसमान में पंख फैलाए जिस आजादी की अनुभूति उसे होती है,१५ अगस्त सन १९४७ के दिन ब्रिटिश हुकूमत से मिली आजादी के कारण पूरे देश में उसी तरह जश्न का मौहाल … Read more

उत्सव

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* कहां मना पाती हूँ उत्सव उन सबके बिना, वो निकल पड़े अपनी राह मैं निहारती रहती डगर, जब भी वो आएंगे इधर सब मिलकर मनाएंगे उत्सव। अब तो घर सूना दिल भी सूना रहता है, हर आहट पर खटका सबके आने का, उत्सव तो अपनों की खुशियों से सजता है, … Read more

सबकी कर्मठ दादी

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* बचपन से देखा मैंने उस दादी को,वह सभी की दादी थी। हम उन्हें दादी कहते हैं,पापाजी भी दादी कहते हैं। यानी बच्चे,बड़े सभी की दादी। मेहता चाचा ने तो उन्हें सदाबहार, अन्तरराष्ट्रीय दादी की उपाधि दे दी थी। दादी मोहक व्यक्तित्व की धनी और ऊर्जा से सराबोर थी। उनका बस … Read more

सृष्टि की अनमोल कृति हूँ

रेनू सिंघल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************************************************************** मैं अभिव्यक्ति हूँ, गूँथ कर शब्दों के मोती मन के भाव पिरोती हूँ, एहसासों से हृदय आसन पर श्रृंगार सृजन का करती हूँl मैं ही कविता,मैं ही गीत, मैं ग़ज़ल कहलाती हूँ धड़कन की हर लय ताल पर, जीवन राग सुनाती हूँ साँसों से जुड़ी है सरगम, प्रेम राग … Read more

फौलादी इरादे

रेनू सिंघल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************************************************************** वो सरहद की माटी को माथे से लगाते हैं, न दिन को चैन,नींदें न रातों को वो पाते हैं। वतन से इश्क़ वो करते इरादे उनके फौलादी, लहू से सींच कर तिरंगे की शान बढ़ाते हैं॥ परिचय-रेनू सिंघल का निवास लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में है। १९६९ में ९ फरवरी … Read more

ललकार

रेनू सिंघल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. उबल रहा है रक्त भुजाओं में… धधक रही है ज्वाला दिलों में, सिरफिरे नापाक इरादों ने आज हदें तोड़ दी बर्बरता,कायरता की। औकात नहीं कि युद्ध करें वो, पीठ पीछे सदा वार करें ये। दम है तो रण में सामने आओ, तुम जैसे गीदड़ … Read more