गणतंत्र दिवस मनाएँ

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… आओ मिलकर हम,गणतंत्र दिवस मनाएं, संविधान का है यह,दिवस सबको बताएं। आज़ाद भारत में रहकर,भी जो भ्रमित है, ऐसे भ्रम को उर से,उनके हम मिटाएं। राष्ट्रहित को त्याग जो नित ज्वाला जलाते। उनको शांति का पाठ अब कैसे पढ़ाएं ? प्रश्नचिन्ह लगता है उनके राष्ट्रप्रेम पर। … Read more

रुपए की कीमत

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अपने बच्चों को, रूपए की कीमत बताएं। जिंदगी और पैसा, दोनों साथ-साथ चलते हैं। सड़कों पर, हाथ फैला कर एक-एक रुपया, मांगने वाले बच्चे की हालत, की कीमत बताएं। अपने बच्चे को, रुपए की कीमत बताएं। कैसे कमाया जाता है, एक-एक रुपया जिंदगी की दौड़ में, रुपए की कीमत … Read more

ऋतु रानी वसंत

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** आतुर स्वागत को तनया के, माँ,राह तके टकटकी लगाये बीत गये दस मास,मिले पुनि आवै तो हिव हरसाये॥ सज रही क्यारियाँ केसरिया, कलियों ने भी ली अंगड़ाई सुरभित पुष्पों से लदी डालियाँ, उपवन की लौटी तरुणाई इठलाती फिर रही तितलियाँ, गुन-गुन-गुन मधुकर गाये। बीत गये दस मास,मिले, पुनि आवै … Read more

फाग

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* राकेश-रश्मियों ने भोर को सजा दिया, दिनकर ने आकर स्वर्णिम रंग लूटा दिया, चहुँ ओर खग-कलरव संगीत बन गूँज रहा- मधुरिम प्रकृति ने सुखद फाग गा दिया। चम्पा,चमेली,सरसों,टेसू ने रंग भर दिया, बाल,युवा वृद्ध वृन्द सबका विभोर जिया, अमुआ का बोर आ नव नव राग लेकर- कोयल-संगीत ने मंत्रमुग्ध कर … Read more

युवा शक्ति सहेजिए

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** काम दीजिये,इन हाथों को ये नव सृजन करेंगे, रहे अगर खाली ये,तो प्रगति में विघ्न बनेंगे। युवा तन और मन सजग रच सकते नव इतिहास, नव पथिक गढ़ें,ये,नव मग है, इनमें अदभुत उत्साह, समुचित अवसर दें,इन्हें ये,बंजर माटी चमन करेंगे। रहे अगर खाली ये,तो प्रगति में विघ्न बनेंगे॥ सबल … Read more

कामवाली बाई

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** “मम्मी! मेरा रुमाल,कल ही तो मेज पर रखा था। आज नहीं है।” शानू तमतमाई-सी बोली। “ओह! तुम्हें कभी मिला है जो आज मिलेगा,ठिकाने पर रखो तब न।” मैं बड़बड़ाती रसोई से बाहर निकली और दूसरा रूमाल अलमारी में से निकाल कर दिया। “जल्दी दो,देर हो रही है।” वह रूमाल मेरे … Read more

वेणी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वेणी- मिलती संगम में सरित,कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें,कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम,सजाए नारि सयानी! नागिन-सी लहराय,देख मन चले जवानी! कहे लाल कविराय,नारि इठलाती चलती! कटि पर वेणी साज,धरा पर सरिता मिलती! कुमकुम- माता पूजित भारती,अपना हिन्दुस्तान! समर क्षेत्र पूजित सभी,उनको तीरथ मान! उनको तीरथ मान,देशहित शीश … Read more

सम्पूर्ण विकास अपनाएंगे

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************** समाज के सम्पूर्ण विकास को, तभी सशक्त कर पाएंगे। जब हम सम्पूर्ण विकास को, सम्पूर्णता से अपनाएंगे। समाज के सम्पूर्ण विकास को, तभी सशक्त कर पाएंगे। ज्ञान की ज्योति जला के, ज्ञान का प्रकाश जब जन-जन तक पहुंचाएंगे। जीवन के सोपानों को, सिद्ध कर जाएंगे। कोई न रहे, वंचित … Read more

नव वर्ष

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* नया वर्ष है नया दिवस है, नया गगन है,नई धरा है। नया चंद्र है,नई चंद्रिका, नवीन नक्षत्र,नव निशा है॥ नवीन गायन नवीन लय है, नई नवेली कवि प्रिया है। नया सृजन है नवीन प्रतिभा, नवीन शैली,नई विधा है॥ नवीन आलोकमय है कण, नए वर्ष का जगत नया है। नवीन पुष्पों … Read more

अविरल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* अविरल गंगा धार है,अविचल हिमगिरि शान! अविकल बहती नर्मदा,कल-कल नद पहचान! कल-कल नद पहचान,बहे अविरल सरिताएँ! चली पिया के पंथ,बनी नदियाँ बनिताएँ! `शर्मा बाबू लाल`,देख सागर जल हलचल! अब तो यातायात,बहे सड़कों पर अविरल! सागर- जलनिधि तू वारिधि जलधि,जलागार वारीश! सिंधु अब्धि अंबुधि उदधि,पारावार नदीश! पारावार नदीश,समन्दर तुम रत्नाकर! नीरागार समुद्र,पंकनिधि … Read more