सच…चिड़िया रानी…
राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** दिन भी सूना, रात भी सूनी चुप! अकेली चिड़िया रानी। सजल नयन से, बाट जोहती रही सोचती चिड़िया रानी…l कितने संघर्षों से पाला, उन्हें खिलाया मुँह का निवाला शीत-लहर में पंख पसारे, छाती में मैंने दुबकाया। खाना-पीना चलना-उड़ना, धीरे-धीरे उन्हें सिखाया। फिर वे एक दिन फुर्र उड़ गये, आने की … Read more