हरियाला सावन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हरित धरा हो सारी, तरुण गिरि श्रंगारी, मीत गीत शीत संग, झूमें पुरवाइया। तरु खग वन्य जीव, रट रहे पीव-पीव, तीज पर्व वृक्षों पर झूलती कुमारियाँ।…

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केसर वाली घाटी

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* केसर वाली घाटी अब तक जो रक्तरंजित हुई थी, धारा तीन सौ सत्तर जो सत्तर साल से लगी हुई थी। इसके साए में कुछ कुपुत्र…

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बाढ़ में अटके प्राण

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* बाढ़ से निकलने के बाद मेरे प्राण का आधा हिस्सा ही बचा है मेरी देह में, आधा अटका हुआ है बाढ़ में। मेरेे भाई,बहन,मित्र और…

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ऐ वतन…

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** ऐ वतन अब हर साँस पर लिख दिया तेरा नाम है, तेरी हिफाजत और रक्षा करना हमारा सर्वप्रथम काम है। घोर अंधकार छाया था ब्रिटिश ने…

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बिना नीड़ के बया बिचारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कटे पेड़ के ठूँठ विराजी, बया मनुज को कोस रही। बेघर होकर,बच्चे अपने, संगी-साथी खोज रही। मोह-प्रीत के बंधन उलझे, जीवन हुआ क्लेश में। जैसा भी…

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इन्तज़ार

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** ज़िंदगानी के सफ़र में एक अजब राही हैं हम, पास आई ठुकरा दी मंजिल,और फिर ढूंढा किए। उनकी गली से यूँ तो,हम हैं गुजरे बेशुमार,…

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सफलता

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** सरस्वती विद्यालय में रुक्मिणी जी का आगमन एक हिन्दी शिक्षिका के रूप में हुआ। वह छठी कक्षा को हिन्दी पढ़ाती। पहले कुछ दिनों में उन्होंने बच्चों…

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सावन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सावन मन भावन लगे,भक्ति शक्ति संगीत। सत्यम शिवम् विराजते,पावन सावन प्रीतll पावन सावन प्रीत,चढ़े झूले पर सखियाँ। तकती है मनमीत,बरसती सावन अँखियाँll शर्मा बाबू लाल,नहीं हो…

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काश! तुम होते

डॉ.समृद्धि शर्मा जयपुर(राजस्थान) ************************************************************* आज उदास है दिल बहुत, काश! तुम होते मेरे पास तो कह देती अपनी तमाम अनकही बातें तुम्हें... ये सोचकर,कि अब ये मेरी फिक्र नहीं,बल्कि तुम्हारी…

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कैसे ऋण चुकाएं वीर तुम्हारा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* ऊधम सिंह माँ का गौरव था, वो अमर वीर बलिदानी था। गुलामी स्वीकारी न हर्गिज़, वो वीर अति स्वभिमानी था॥ जलियाँ वाले बाग में जिसने,…

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