‘कोरोना’ का क्या रोना

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. देश हमारा बीमारी का क्यों रोता है रोना, तन को थोड़ा सृदृढ़ बना लो दूर करो ‘कोरोना।’ सुबह-सवेरे उठकर तुम अब गरम करो कुछ पानी, घूंट-घूंट कर पानी पीना ना करना नादानी। तांबे के बर्तन का पानी दिनभर फिर तुम पीना, मेहनत फिर तुम … Read more

सारथी का स्वार्थ बस इतना-सुरक्षित भारत रहे

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** कोरोना का सच-दुश्मन है गुमनाम नहीं क़ोई ईमान है, चहुँओर जोखिम खतरे का रोना ‘कोरोना’ भान है। किस तरह कैसे करेगा वार दुनिया अनजान है, हर तरफ युद्ध का घोष,नहीं कोई हथियार है। छोटे से विषाणु ने विश्व की डाली सांसत में जान है, भारत है विश्वगुरु,नरेंद्र दामोदर कृष्ण … Read more

हम हैं भारतवासी,हमारी खास पहचान

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** हर सुबह ऊषा कीबेला संग लाती नव जीवन का संकल्प मधुर मुस्कान, हम हैं भारतवासी,हमारी खास पहचान। हर ऊषा की बेला में मन्दिर में घंटे घड़ियाले बजते,मस्जिद में फज़र नमाज, चर्च में प्रेयर,गुड मॉर्निंग का ऑल माइटी गॉड। हम हैं भारतवासी,हमारी खास पहचान… मुर्गे की बांग गाँव में ऊषा … Read more

धरती सिखलाती देना

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. ये धरती तो धरती माँ है जो जीवन हमको देती है, बचपन ने इसको देखा है ये सबकी जीवन रेखा है। कब सुबह हुई,कब शाम हुई सूरज की धूप तमाम हुई, चंदा से मिलने को आतुर उसकी ये बातें आम हुई। हर राह भटकते … Read more

नारी है जग जननी है लक्ष्मी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** नारी है जग जननी है लक्ष्मी, जन-जन जीवन की संगिनी। बहना है भाई की ताकत, इज़्ज़त का गहना है। ब्रह्माण्ड निर्माण की आधार, बिन नारी मिथ्या कल्पना संसार॥ नारी नित्य निरंतर प्रवाह से नश्वर संसार, गर नारी नहीं तो सिर्फ स्वर संसार। नारी जग की साहस,शक्ति,त्याग-तपस्या, बलिदान की दुनिया … Read more

ब्रह्माण्ड का न्यासी सन्यासी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** भोला शंकर औघड़दानी ब्रह्माण्ड का पालन कर्ता, जीव जीवन आत्मा का परमात्मा कराल विकराल महाकाल शिवा सत्य सत्यार्थ। तन में भस्म लगाये पहने मृगछाला, मुकुट भाल का चाँद जटाओं से बहती पतित पावनी गंगा की निर्मल निर्झर अविरल धारा, कर सोहे डमरू त्रिशूल गले में नाग की माला। भांग … Read more

समय का सारथी-स्वामी विवेकानन्द

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** समय का सारथी धर्मध्वजा का अभिमान, मानव-मानवता की व्याख्या का चिंतन चिंतक महान। योद्धा पुरोधा युग जीवन मूल्यों का महारथी, दीप पुंज मशाल कर्म क्रान्ति की काया माया की महिमा गर्व गौरव मान। उत्कर्ष,उत्कृष्ट युवा ओज तेज पराक्रम का गगन, गूंज अवनि युग की भाव भावना वर्तमान। दिग्दर्शक,सन्यासी ब्रह्म … Read more

अपना-अपना संविधान

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… धरती की कोख में उपजता है अनाज, प्राकृतिक आपदाओं पानी,धूप,हवा और वन्य जीवों से, अपने-आपको बचाकर अर्पण कर देता है इंसानी उदर को, स्वत:मिट कर भी वह पूर्णता पा लेता है, लेकिन हम … अहम की चिंगारी से भस्म करते हैं भावनाएं, ताक पर रखते … Read more

`नेताजी` सुभाष चंद्र बोस-जीवन और प्रभाव

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** #साहित्य के आलोक में नेताजी-`नेताजी` सुभाष चन्द्र बोस का जन्म १८९७ में कटक में जानकी नाथ बोस की १४ सन्तानों में नवी संतान के रूप में हुआ,जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था! नेताजी संभ्रांत बंगाली विरासत वाले बंगाली समाज के कायस्थ परिवार में जानकी नाथ बोस और माँ प्रभावती … Read more

हास्य भरें मन भर के

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* जीवन की इस भाग-दौड़ में, हम भी थोड़ा-सा बदलें सब कुछ नहीं है रुपया-पैसा, मन की यह फितरत बदलें। झूठ की नैया डग-मग करके, कभी पार नहीं हो सकती सत्य परेशान हो सकता है, पर हार नहीं हो सकती है। जीवन में सुख-दु:ख आते हैं, आँख चुराना ठीक नहीं … Read more