सर्दी और अवकाश

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… सर्द हवाएं ठिठुरन गलन बताये, हर इंसान चाहता सूरज की किरणें, कहीं से आये। हर घने कोहरे की…

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भावनाएं

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** कोई कहता देव अंश है कोई कहता कर्मवश है, निर्मल सुन्दर एक हंस है कहते जिसको काया। बसता जिसमें मन है उठता है जिसमे…

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`अस्मत` लूटने की कड़ी सजा दी जाए,वरना…

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना............... हम हर दूसरे-तीसरे दिन सोशल मीडिया,अखबार,टी.वी. चैनलों पर बलात्कार पीड़िताओं की भयावह तस्वीरें देखते हैं,कहीं जली हुई,कहीं पर सर काट के अलग फेंक…

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सत्यार्थ का प्रकाश गांधी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** अंह नहीं,हिंसा नहीं, साहस,शक्ति,शौर्य पुरूषार्थ पराक्रम की, भाषा और परिभाषा है। झुकना नहीं,टूटना नहीं, अन्तरमन की मजबूती से निकली निखरी, उत्कर्ष उर्जा से उपजी विजय मार्ग…

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आत्म बोध की आत्मा का महात्मा

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** द्वैष,दंभ,घृणा नहीं, युद्ध की दे दी एक नई परिभाषा। हिंसा,हत्या,घाव, छल-छदम प्रपंच नहीं मानव को मानवता से प्रेरित, बता दी एक नयी सभ्यता। गीता…

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आत्मप्रकाश गुरु नानक देव

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** कायनात को जब होती दरकार इंसानियत का हाकिम गुरु नानक एक नाम, नेकी नियत के रिश्तों का अलख जगाता ईश्वर के स्वर साक्षात का…

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बच्चे राष्ट्र की धरोहर

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. वर्तमान का बच्चा भविष्य के नौजवान राष्ट्र के कर्णधार करते राष्ट्र का निर्माण, स्वस्थ शिक्षित बच्चों का समाज राष्ट्र…

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दीप का उजास

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* दीप की बेला आई घर-घर, खुशियां मनाओ सब मन भर-भर स्नेह से बांटो प्रेम की गुझिया, मन अंतर भर जायें खुशियां। जीवन-जोत जला करती…

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प्रियतम की हँसी

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* मेरे मन उपवन की तुम ही, मल्लिका हो चंद्र-सी पानी भरती हो जहां पर, अप्सराएं इंद्र की। जुल्फ लहराई घटा में, बादलों-सी घिर रही…

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हसरतें जो रही अधूरी…. अमिताभ

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* वर्षगांठ विशेष............. एक ऐसा व्यक्तित्व,जो अभिनय रूपी शहद के कटोरे से मंद-मंद मुस्कान बिखेरने में सफल रहा,जो भारतीय फिल्माकाश पर विगत पांच दशकों से…

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