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हमें पहचान का अवसर दिया है दूरियों ने

तारा प्रजापत ‘प्रीत’
रातानाड़ा(राजस्थान) 
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सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष………..

समाज से दूर रह कर सामाजिक सम्बन्ध बनाना हास्यप्रद-सा लगता है। दूर भी रहो और सम्बन्ध भी बनाओ,भला ये कैसे सम्भव हो सकता है ? पर ईश्वर चाहे तो,कभी-कभी असम्भव भी सम्भव हो सकता है। आज पूरा विश्व `कोरोना` जैसी भयानक महामारी से जूझ रहा है। हर जगह मौत सुरसा-सी मुँह खोले खड़ी है। सारा संसार डर के साये में जी रहा है। कोई इलाज़ कोई दवा नहीं है इस महामारी की। कोरोना पीड़ित को मात्र छूने से इसका विषाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। ऐसे में इसका एक ही इलाज़ है `सामाजिक दूरी।` हमें अपने,अपने परिवार,अपने समाज व सम्पूर्ण देश के हित के लिए कुछ समय के लिए आपस में दूरियां बना कर रखनी है। यहाँ बात केवल शारीरिक दूरी की है,मानसिक दूरी की नहीं। हम प्रत्यक्ष देख रहे हैं कि,लोग आपस में न मिल कर भी भावनात्मक रूप से जुड़ रहे हैं। बिना एक-दूसरे से मिले,एक-दूसरे के सुख-दुख में सहायता के लिए खड़े हैं। लोगों के बिगड़े हुए सामाजिक सम्बन्ध भी सुधर रहे हैं। जाति-धर्म का भेद भूल कर हर कोई हर किसी की मदद के लिए आगे आ रहा है। इन दूरियों ने इंसान को इंसानियत के क़रीब ला कर खड़ा कर दिया। माना कि,आज आदमी का समाज में उठना-बैठना नहीं है,पर जो जहाँ भी बैठा है,मन से वो समाज से जुड़ा है,तथा मेरे हिसाब से असली नजदीकियां यही है।
आज आदमी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी समझी है। नफ़रतों को भुला कर अपने अपने तरीक़े से हर कोई इस कठिनाई के दौर में एक-दूसरे की सहायता कर रहा है। इन दूरियों ने हमें अपनी पहचान का अवसर दिया है कि,हम क्या हैं,कैसे हैं ? ये चंद रोज़ की दूरियां हमें और नज़दीक ले आएगी हमेशा के लिए-
`ये दूरियां और नज़दीक ले आएंगी,
दे के प्यार हृदय से,नफ़रतें ले जाएंगी।`

परिचय-श्रीमती तारा प्रजापत का उपनाम ‘प्रीत’ है।आपका नाता राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ा स्थित गायत्री विहार से है। जन्मतिथि १ जून १९५७ और जन्म स्थान-बीकानेर (राज.) ही है। स्नातक(बी.ए.) तक शिक्षित प्रीत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। कई पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में भी आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं,तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। आपके लेखन का उद्देश्य पसंद का आम करना है। लेखन विधा में कविता,हाइकु,मुक्तक,ग़ज़ल रचती हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी पर कविताओं का प्रसारण होना है।

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