पेंशन-पीड़ा

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** वृद्धा अवस्था, विधवा पेंशन, छात्रवृत्ति, सेवानिवृति,सेना, श्रमिक, किसान, अधिकारी, मंत्री, सांसद-विधायक पेंशन की है आवृत्तिकहीं है उठती आवाजें 'एक रैंक एक जीवन भत्तावृत्ति',कहीं उठ रही…

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चलो चलना जिंदगी है…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ओ! ठहरे हुए तुम पानी,मत करना अब नादानी।जो थमा तो गंदगी है,चलो चलना जिंदगी है…॥ भीड़ हो बेशक्ल बेढब,या नीड़ रहे तन्हा जबलेता दिल हमसे पंगा,होते रहता…

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कठिन है जीवन

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** संघर्ष बड़ाकठिन है जीवनबेबस खड़ा। रिश्ते उलझेजीने की मारा-मारीकैसे सुलझे ? रोटी की चिंतासपना है मंज़िलरोज कमाना। संतान खुशीनिरंतर संघर्षघिसी चप्पल । खुद से करोदूजों से प्रेम…

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रिश्तों की अहमियत

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** लोग,अक्सर रिश्तों कीदुहाई देते हैं,और खुद हीरिश्तों की अहमियत,भूल जाते हैंबड़ी विडम्बना है,गैरों के सामनेअपनों को भूल जाते हैं,और खुश रहने काख्वाब सजाते हैं,पर शायद…वो ये नहीं…

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शिक्षक दिवस

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* शिक्षक दिवस विशेष.... ऐ मेरे दिल सजाना, मान भी शिक्षकों का।गीत लिखता अगर तू, एक 'शिक्षक दिवस' का॥ जन्म तेरा हुआ जब, साथ था वक्त…

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आधुनिक हिन्दी के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** जयंती (९ सितम्बर) विशेष.... अवधी-ब्रज बेमेल का हिन्दी में किया था मेल,काशी के हरिश्चंद्र का भारत में हिन्दी प्रयोग व खेलआशीष बाबा विश्वनाथ का पाकर…

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सबमें तुम्हीं समाए

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** सुना है सबमें तुम्हीं समाए,बात ये कैसी समझ के पार।दुखिया मन, विवश पड़ी है,हो गयी दर्शन को बेकरार।चरण कमल की शरण में,कान्हा, आई मैं तेरे द्वार। समझ…

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शिक्षक महिमा अतिगहन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातु-पिता भाई समा, मीत प्रीत गुरु होय।सदाचार परहित विनत, समरसता गुरु सोय॥ ज्ञान कहाँ जन गुरु बिना, कहँ दर्शन भगवान।भवसागर से मुक्ति कहँ, कहँ…

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श्रीकृष्ण अवतार

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* आ गया भादो का महीना,घर-घर होने लगा है शोरश्रीकृष्ण का जन्म हुआ,नाचने लगा वन में मोर। श्रीकृष्ण जी गजब ढाए,लाए काली घटा घनघोरदेव लोक से आ…

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बढ़ते जाना

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** जीवन है अनमोल, निरंतर बढ़ते जाना।कंटक पथ में देख, सभी को सहते जाना॥ सच्चे पथ की राह कठिन होती है हरपल।जिज्ञासा का भाव सदा हिय धरते जाना॥…

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