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चाहत

डॉ.नीलम कौर
उदयपुर (राजस्थान)
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हम तो वैसे ही हैं जैसे
तब थे,
जब धरती पर
वो सेब नहीं
हम तुम ही थे।
हम तो
तब भी वैसे ही थे
जब…
भूत-प्रेत,पिशाच
ले आये थे,
भस्म रचा
और…
निर्भीक हमने
तुम्हें स्वीकारा था।
हम तो अब भी
वही हैं
जिसे एक दिन,
धोबी के
उलाहने पर
गर्भावस्था में
त्याग दिए
जाने पर भी,
मर्यादा तुम्हारी
बनाए रखी थी।
हम तो अब भी
वैसे ही हैं,
जैसे…
मुझे ब्याहता
होने पर भी
प्रेम पाश में बाँध,
लोकलाज परित्यक्ता
बना मेरे नाम को
अपने साथ जोड़ दिया
और…
तुम हर बार,
बदलते रहे
मर्यादा त्याग।
कलयुगी नायक बनने
की लालसा में,
बार-बार मेरा
त्याग करते रहे
और चाहते रहे,
मैं…
हर बार उसी बंधन में
बंधी खामोश रहूँ।
तुम हर बार
ठुकराते रहे,
कभी जबानी
कभी तलाक
कभी तीन तलाक,
की शक्ल में
और मैं
आज भी एक आस लिए,
तुम्हारे वफादार
होने की आस लिए,
हर बार
तुम्हारे साथ,
खड़ी हो जाती हूँ॥

परिचय – डॉ.नीलम कौर राजस्थान राज्य के उदयपुर में रहती हैं। ७ दिसम्बर १९५८ आपकी जन्म तारीख तथा जन्म स्थान उदयपुर (राजस्थान)ही है। आपका उपनाम ‘नील’ है। हिन्दी में आपने पी-एच.डी. करके अजमेर शिक्षा विभाग को कार्यक्षेत्र बना रखा है। आपका निवास स्थल अजमेर स्थित जौंस गंज है।  सामाजिक रुप से भा.वि.परिषद में सक्रिय और अध्यक्ष पद का दायित्व भार निभा रही हैं। अन्य सामाजिक संस्थाओं में भी जुड़ाव व सदस्यता है। आपकी विधा-अतुकांत कविता,अकविता,आशुकाव्य और उन्मुक्त आदि है। आपके अनुसार जब मन के भाव अक्षरों के मोती बन जाते हैं,तब शब्द-शब्द बना धड़कनों की डोर में पिरोना और भावनाओं के ज्वार को शब्दों में प्रवाह करना ही लिखने क उद्देश्य है।

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