पटना (बिहार)।
जन चेतना को जागृत करने में पत्र-पत्रिकाओं की अहम भूमिका रही है। इस समय पठनीयता में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन हम फिर से मुद्रित साहित्य की ओर लौटेंगे।
यह बात ‘जन अनुभूति’ पत्रिका का लोकार्पण करते हुए दूरदर्शन के भूतपूर्व निदेशक एवं वरिष्ठ कथाकार शंभू पी. सिंह ने कही। बिहार के अठमलगोला (फतुहा) गाँव के प्रो. देवेंद्र यादव सभागार में आयोजित इस समारोह में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि एवं चित्रकार सिद्धेश्वर ने कहा कि, लघु पत्रिका आरम्भ से ही नए लेखकों की पाठशाला रही है, और लघु पत्रिका ही पत्रकारिता जगत में मजबूत हथियार का काम करती रही है। मुदित और ई-पत्रिकाएं दोनों का अपना अलग-अलग महत्व है।
पत्रिका के प्रधान सम्पादक रामयतन यादव ने कहा कि, सामाजिक चेतना को विकसित करने में साहित्य की मुख्य भूमिका होती है, और उसका प्रमुख माध्यम होता है साहित्यिक पत्रिकाएं।
इस अवसर पर कर्मवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया, पत्रिका के सम्पादक-प्रकाशक अतुल्य आदित्य और पूर्व विधायक रणवीर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।