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जीवन जंग है

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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यह जीवन तो एक जंग है,
यहाँ बदलता सबका रंग है
सभी कहते,ओ शरीफ़ हैं,
व्यवहार से,जमाना दंग है
यह जीवन तो एक जंग है,
यह जीवन तो एक जंग है।

शराफत से जीना भी जंग है,
गिरगिट-सा सबका रंग है
शरीफ़ों को सब तड़पाते हैं,
सच्चाई के नहीं कोई संग है
यह जीवन तो एक जंग है,
यह जीवन तो एक जंग है।

भेदभाव का सब पर रंग है,
जमाना अमीरों के संग है
ठगने का अपना अपना ढंग है,
दबंगों का जीवन रंगारंग है
यह जीवन तो एक जंग है,
यह जीवन तो एक जंग है।

कहे ‘उमेश’ इंसान का,अलग ही रंग है,
इंसानियत से मिटती हर जंग है
जीयो और जीने दो,
इसी सोंच में बसते बजरंग है।
यह जीवन तो एक जंग है,
यह जीवन तो एक जंग है॥

परिचय-उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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