कुल पृष्ठ दर्शन : 226

फल मिलता है

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

********************************************

यदि हो ईमानदार
और मेहनती तो,
हर लक्ष्य को
प्राप्त कर सकते हो।
और किया जिसके
साथ तुमने कार्य,
तो वो तुम्हें यादों के
साथ बहुत सराहेगा।
और वक्त आने पर साथ,
तुम्हारे खड़ा हो जाएगा।
यही तो कर्मठ निष्ठावान,
लोगों की पहचान होती है।

जिसे मिल जाये,
बिना मेहनत के राज।
ऊंचाई पर पहुंचते ही,
बहुत इतराता है।
और अंधेर नगरी चौपट राजा,
वाली बात को दोहराता है।
और बनी-बनाई कार्य-प्रणाली को,
कुछ ही दिनों में
नष्ट कर देता है।
फिर अपने ही जाल में,
फँस कर खुद ही रोता हैl

इसलिए स्नेह-प्यार से,
रिश्ते बनाकर चलो।
लोगों की भावनाओं से,
तुम मत खेलो।
क्योंकि लगती है हाय,
जरूर पीड़ित इंसान की।
जो मिट्टी में मिला देती है,
उसकी विरासत को।
फिर कर्म उसे अपने,
जरूर याद आएंगे।
पर तब तक बहुत,
देर हो जाएगी।
और तेरी हस्ती,
एक दिन मिट जाएगीll

परिचय-संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

Leave a Reply