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शराब के लिये गांधी जी का उपयोग अक्षम्य

ललित गर्ग
दिल्ली

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इजरायल में शराब बनाने वाली एक कम्पनी ने शराब की बोतल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर छापकर आदर्शहीनता ,मूल्यहीनता एवं तथाकथित लाभ की विकृत मानसिकता का प्रदर्शन किया है। शराब के प्रचार एवं उसकी बिक्री बढ़ाने के लिये जिस तरह से गांधी जी की तस्वीर को शराब की बोतल पर दिखाया गया है,उससे न केवल भारत बल्कि दुनिया के असंख्य लोगों की भावना आहत हुई है,लेकिन प्रश्न है कि क्या सोच कर शराब-कम्पनी ने विश्वनायक एवं अहिंसा के पुरोधा गांधी जी का गलत, विकृत एवं घिनौना उपयोग करने का दुस्साहस किया ? क्यों भारत की कोटि-कोटि जनता की भावनाओं को जान-बूझकर आहत किया गया है ? क्यों शराब जैसी वर्जित चीज के लिये गांधी जी को प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया गया,जिन्होंने जीवनभर शराब-विरोध वातावरण निर्मित किया ? वस्तुतः ऐसी कुचेष्टा एवं घृणित प्रयास न सिर्फ भारत के,अपितु दुनियाभर के करोड़ों-करोड़ों शराब-विरोधी समुदाय के लोगों एवं मानव की आदर्श नशामुक्त जीवन-शैली पर सीधा हमला है।
इस विरोधाभासी एवं दुर्भाग्यपूर्ण मामले को जब आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा में उठाया तो राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने तत्काल विदेश मंत्री एस. जयशंकर को निर्देश दिया कि इजरायल की शराब बनाने वाली उस कम्पनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए क्योंकि यह बहुत आपत्तिजनक है। इस कुचेष्टा एवं हरकत को इजरायल सरकार के समक्ष भी उठाये जाने का निर्देश दिया।
शराब को प्रोत्साहित करने एवं प्रचार करने के लिए शराब समूह तरह-तरह के हथकण्डे अपनाता रहा है। भारत में भी इस तरह की कुचेष्टाएं होती रही हैं। व्यावसायिक लोगों द्वारा अपने लाभ के लिये एवं सरकारें भी शराब के प्रचार एवं प्रयोग के लिये इस तरह के तथाकथित क्रूर एवं जन आस्थाओं को कुचलने वाले उपक्रम करती रही है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस विडम्बनापूर्ण हरकत पर सदन में कहा कि सरकार महात्मा गांधी की १५० वीं जयंती मनाने जा रही है। उनका चेहरा पूरे विश्व में अहिंसा के लिए पहचाना जाता है। शराब की बोतल पर गांधी की तस्वीर छापना उनका अपमान है। संभवतः इजरायल की शराब बनाने वाली कम्पनी गांधी की तस्वीर शराब की बोतल से हटा दे,लेकिन भविष्य में ऐसी घटना की किसी भी देश में पुनरावृत्ति न हो,भारत सरकार को इस पर भी कठोर कदम उठाते हुए सख्त संदेश देने का उपक्रम करना चाहिए।
गांधी भारत ही दुनिया के लिये आदर एवं प्रेरणा के प्रतीक महापुरुष हैं। उनकी अहिंसा ने भारत को गौरवान्वित किया है,क्योंकि समूची दुनिया में अब उनकी जयन्ती को बड़े पैमाने पर अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। गांधी के अनुयायियों एवं उनमें आस्था रखने वाले उन तमाम लोगों को इसरायल की घटना ने आहत किया है,जो बापू के सिद्वान्तों से गहरे रूप में प्रभावित हैं,अहिंसा के प्रचार-प्रसार में निरन्तर प्रयत्नशील हैं। यह बापू की अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता का बड़ा प्रमाण भी है। शायद यही कारण है कि शराब कम्पनी ने अपने लाभ के लिये व्यावसायिक जाल फैलाने की कुटिल कोशिश की है। यह एक तरह की विकृत सोच है,अन्तर्राष्ट्रीय भावनाओं का अनादर है।
बात इजरायल की ही नहीं है बल्कि भारत में भी इस तरह के जानबूझकर जन-विशेष की भावनाओं को कुचलने के षडयंत्र होते रहे हैं। भगवान महावीर एवं महात्मा गांधी के देश में शराब को बल देने एवं उसकी बिक्री को बढ़ाने लिये बहुसंख्य समाज की आस्था को नजरअंदाज किया जाता है,यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सिद्धांत और व्यवसाय के बीच भेदरेखा होते हुए भी सिद्धांतहीन व्यवसाय भौतिक स्तर पर चाहे समृद्धि ले आए पर सैद्धांतिक दरिद्रता अवश्य ही लाएगा।
महात्मा गांधी ने विश्व शांति,अहिंसा एवं आपसी सौहार्द की स्थापना के लिए देश-विदेश के शीर्ष नेताओं से मुलाकातें कीं,अहिंसक प्रयोग किये,भारत को अहिंसा के द्वारा आजादी दिलाई। उन्होंने आदर्श, शांतिपूर्ण एवं अहिंसक समाज के निर्माण के लिये वातावरण बनाया। गांधी ने अपनी वाणी से और अपने स्वयं के जीवन से शराबबंदी का सशक्त वातावरण बनाया। शराबबंदी के साथ महात्मा गांधी का नाम ऐसा जुड़ गया कि दोनों को अलग कर ही नहीं सकते। उसी महापुरुष की छवि को धूमिल करने की कुचेष्टा को कैसे क्षम्य माना जा सकता है ?
जिस तरह गांधी की तस्वीर का घिनौना एवं विडम्बनापूर्ण उपयोग शराब के लिये हुआ है,वैसा ही हिन्दू देवी-देवताओं का उपयोग न केवल मांसाहार के प्रचार के रूप में बल्कि कभी चप्पलों तक में उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। कभी टी-शर्ट तो कभी महिलाओं के वस्त्रों में उनका उपयोग घटिया एवं सिद्धान्तहीन लाभ की भावना से होता रहा है। आखिर इतनी असंवेदनशीलता क्यों है ? क्यों इतनी विकृत व्यावसायिकता है ? बात इजराययल की है,वहां जो भी हुआ,वह दुर्भाग्यपूर्ण है,इसके विरुद्ध एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज कराना ही चाहिए।
आज के माहौल में यह ‘वैल्यू’ ज्यादा फायदेमंद है,लेकिन इसका नुकसान भी बड़ा है,यही बात दुनिया को समझाने की जरूरत है,शराब कम्पनी के गले उतारने की जरूरत है।

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