ममता बैरागी
धार(मध्यप्रदेश)
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आज मुस्कुरा कर चल दिए नन्हें-मुन्ने,
हाथों में पानी की बोतल,और कांधे पर बस्ता है।
छोटे-छोटे कदम बढ़ाकर,चल पड़े इस जग की राह,
आँखों में हैं हसीन सपने,और प्यारी शाला है यह।
सुंदर भविष्य निर्माण करेंगे,नेक नागरिक यह बनकर,
आज शिक्षक से सीख रहे,कल यह बताएंगें सीखकर।
आओ प्यारे इधर आओ,आज तुम संस्कार सीखो,
जीवन इनसे प्यारा बनता,यह बात अपने मन पर लिखो।
बढ़ते जाना चलते जाना,मंजिलें पा जाओ तुम,
सबकी दुआएं संग तुम्हारे,सदा जीवन में हँसना तुमll
परिचय-ममता बैरागी का निवास मध्यप्रदेश के धार जिले में है। आपकी जन्म तारीख ९ अप्रैल १९७० है। श्रीमती बैरागी को हिन्दी भाषा का ज्ञान है। एम.ए.(हिन्दी) एवं बी.एड. की शिक्षा प्राप्त करके कार्य क्षेत्र-शिक्षण(सहायक शिक्षक ) को बनाया हुआ है। सामाजिक गतिविधि-लेखन से जागरूक करती हैं। संग्रह(पुस्तक)में आपके नाम-स्कूल चलें हम,बालिका शिक्षा समाज,आरंभिक शिक्षा और पतझड़ के फूल आदि हैं। लेखनी का उदेश्य-समाज में जागरूकता लाना है। आपके लिए प्रेरणापुंज- पिता तथा भाई हैं। आपकी रुचि लेखन में है।