चाँद मेरे आजा…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ चाँद आसमां पर फिसलने लगाधड़कनें मेरे दिल की बढ़ने लगी,चाँदनी भी गले चाँद के लग गईप्रेम के मधुर गीत रात गढ़ने लगीl ख़्वाब आँखों में मुस्कुराने लगेमैं बार-बार फिर से सँवरने लगी,दिल ख्वाहिशों का पिटारा बनाउसकी बेताबी मैं समझने लगीl आँखें दीवानी थीं जिनके लिएतस्वीर तसव्वुर में थिरकने लगी,छा गई … Read more