तितली है खामोश

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ बदल रहे हर रोज ही,हैं मौसम के रूप,ठेठ सर्द में हो रही, गर्मी जैसी धूप। सूनी बगिया देखकर,तितली है खामोश,जुगनूं की बारात से,गायब है अब जोश। दें…

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सम्मान संग हुई काव्य संगोष्ठी

नागदा (उज्जैन)। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना और मंत्रणा साहित्यिक संस्था(नागदा) द्वारा काव्य संगोष्ठी सहित 'जनसंचार माध्यम और सामाजिक सरोकार' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह किया गया। मुख्य वक्ता विक्रम…

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संतुलन-संयम से ही जीवन सुखद

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* आजकल मानसिक संतुलन न होने के कारण लोग छोटी-छोटी बातों में बहुत बड़ी घटनाओं को अंजाम दे देते हैं,अब लोगों में सहनशीलता का अभाव होने से हत्या-आत्महत्या करना…

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इंदिरा गाँधी:मौत की असली वजह अब भी रहस्य

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)********************************************* पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाली भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी समय से पहले इस दुनिया को अलविदा कह गई। इस ३१ अक्टूबर…

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केवल नक़ल की भाषा से आगे नहीं बढ़ा जा सकता

ई-संगोष्ठी:'भारतीय भाषाओं को रौंदता अंग्रेजी का साम्राज्यवाद’ मुंबई(महाराष्ट्र)। ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के तत्वावधान में २४ अक्तूबर को ‘भारतीय भाषाओं को रौंदता अंग्रेजी का साम्राज्यवाद’ विषय पर ‘वैश्विक ई-संगोष्ठी’ का आयोजन…

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हो विजया मानव जगत्

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** सकल मनोरथ पूर्ण हो,सिद्धदातृ मन पूज।सुख वैभव मुस्कान मुख,खुशियाँ न हो दूजll सिद्धिदातृ जगदम्बिके,माँ हैं करुणागार।मिटे समागत आपदा,जीवन हो उद्धारll सिंह वाहिनी खड्गिनी,महिमा अपरम्पार।माँ…

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शरदोत्सव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं;हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं।…

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प्रतीक्षा

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. तुमको देखने प्रिये आँखें मेरी तरस गईं,पूर्णिमा की रात अब तो अमावस बन गई।चाँद भी हँस-हँस के मुझको ताने मारता,चाँदनी के…

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माप तौल कर बोल

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** (रचना शिल्प:मात्रा भार ११/१६) माप तौल कर बोल।सोच समझकर बोला करना॥ बोलो नहीं कुबोल।मृदु भाषी बन चलते रहना॥ बोली हो अनमोल।ठोक बजाकर बातें कहना॥ नहीं बजाओ…

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सृजन करे सृष्टि का

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** ईश्वर सृजन करे सृष्टि का,वही है रचनाकार बड़ा,अद्भुत रूप दिया मानव को,मनुज देखता रहा खड़ा। सृजन किया नदिया-सागर को,झरने कल-कल नाद करे,जंगल पर्वत धरा विहंसती हरियाली…

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