तितली है खामोश
डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ बदल रहे हर रोज ही,हैं मौसम के रूप,ठेठ सर्द में हो रही, गर्मी जैसी धूप। सूनी बगिया देखकर,तितली है खामोश,जुगनूं की बारात से,गायब है अब जोश। दें सुनाई अब कहाँ,कोयल की आवाज़,बूढ़ा पीपल सूखकर,ठूंठ खड़ा है आज। जब से की बाजार ने,हरियाली से प्रीत,पंछी डूबे दर्द में,फूटे गम के गीत। फीके-फीके हो … Read more