लोकतंत्र का अर्थ समझें

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** १५ अगस्त को आता भारत का स्वतंत्रता दिवस,भारतवासी जिसे शान से मनाता हर वर्ष। इसी दिन उन गोरे लोगों से भारत हुआ स्वतंत्र,७३ वर्ष पूर्व ना था भारत में लोकतंत्र। अतः सब भारतवासी लोकतंत्र का अर्थ समझें,पैसे,भाई-भतीजावाद के लिए अपना मत ना बेचें। इसी देश को विदेशों में कहते सोने की … Read more

मेंहदी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचनाशिल्प:१६-१४ पदांत २२२)लगे मेंहदी है हाथों में,साजन के घर जाने को।खुशियों से आच्छादित आँगन,स्नेह सुधा बरसाने को॥ मन आह्लादित होता जब-जब,पिय की याद सताती है।आँखों में सपनों की माला,मुझको बहुत रुलाती है॥पी लेती हूँ आँसू अपने,खुद को ही बहलाने को,लगे मेंहदी हैं हाथों में… सावन की यह मधुरिम बेला,हिय में … Read more

दल-बदल का विषाणु

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) ********************************************************************* ‘किफायती लाल’ मेरे शहर के नामी-गिरामी नेताओं में शुमार हैं। वे विधायक से लेकर सांसद तक के ओहदे तक पहुंच चुके हैं। सुबह की सैर के वक्त मुझे मिल गए। हालचाल पूछने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि इन दिनों राजनीति के क्षेत्र में दल-बदल विषाणु हावी है। मुझे लगता है … Read more

`अरथु अमित अति आखर थोरे

प्रो. गिरीश्वर मिश्र दिल्ली ************************************************************* पिछली पांच सदियों से भारतीय लोक जीवन में मूल्यगत चेतना के निर्माण में गोस्वामी तुलसीदास के ‘रामचरितमानस’ का सतत योगदान अविस्मरणीय हैl लोक भाषा की इस सशक्त रचना द्वारा सांस्कृतिक जागरण का जैसा कार्य संभव हुआ,वैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता हैl ‘कीरति भनिति भूति भलि सोई सुरसरि सम सब … Read more

प्रतीक्षा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** ‘प्रतीक्षा’ में एक बात चली,क्या तुमने सुनी,क्या तुमने सखी।‘कोरोना’ से पीड़ित हैं बिग बी,अरे,हाँ सखी,अरे,हाँ सखी॥ कर रहे थे प्रतीक्षा ‘कौन बनेगा करोड़पति’,कैसे भगाए कोरोना,समझा रहे थे घड़ी-घड़ी।हाँ सखी री,हाय सखी…बहुत हुए लखपति,अब कोरोना भी बनने चला करोड़पति॥ हॉट सीट पर कोरोना,प्रश्न पूछ रहे बिग बी।कब होगा प्रस्थान तुम्हारा!क्यों हाथ … Read more

यादों के साए

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* हर आदमी,यादों के साए मेंजीता है,ख़ुशी या गम केआँसू पीता है। हमने जिन्हें चाहा,हमारे हो नहीं पाएअब है जिंदगी में,उनकी यादों के साए। मैंने हर जगह,रखा है उनकीयादों का हिसाब,शब्द हो याकागज और किताब। ज़िन्दगी से तो,तू निकल गयीमेरी यादों से,कौन निकालेगाये पागल आशिक,तेरी यादों के साए मेंज़िंदगी गुज़ार लेगा। … Read more

महाकवि तुलसीदास:अजर अमर नाम

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष चित्रकूट में है बसा,इक राजापुर ग्राम।‘श्री तुलसी’ जन्मस्थली,कहते लोग तमामll आँचल हुलसी का मिला,पिता आत्माराम।दासी चुनियाँ ने किया,पालन शिशु निष्कामll ‘तुलसी’ माँ के गर्भ में,रहे पूर्ण इक वर्ष।अद्भुत बालक देखकर,हुआ न कोई हर्षll दाँत सभी थे जन्म से,किये उच्चरित राम।नाम रामबोला पड़ा,भक्ति-भाव उर … Read more

प्रियतम किधर गए!

डॉ. अलका पाण्डेयमुम्बई(महाराष्ट्र)****************************************** प्रियतम किधर गए,सखी मुझे बतलाओ…प्रियतम किधर गए। सूने मन में आग लगा कर,नैनों से बिरहा बरसा करअधरों को मेरे तरसा कर,साँसों को मेरी महका कर।ख़ुद वन वन भटके,सखी मुझे बतलाओ…प्रियतम किधर गए। खेल खेल में जिया चुराया,स्वयं हार कर मुझे जितायातरसें पल पल मेरी ख़ातिर,मुझे प्रतीक्षा में तरसाया।कोई तो समझाए,सखी मुझे बतलाओ…प्रियतम … Read more

वह भी सोचता है ?

ओमप्रकाश अत्रिसीतापुर(उत्तरप्रदेश)******************************************************************* क्यासोचता है,पद्-दलितअपमानितकुण्ठित हर आदमी,जो मैंसोच रहा हूँ ?क्यामेरी तरह,वो भीजीवन कोआँसूओं से,डूबने से बचाना चाहता है ?सहमी हुईज़िन्दगी कोभयभीत रातों से,सुबहआँखों को,छलकते हुए आँसूओं सेछुटकारा चाहता है ?क्या,मेरी तरहवह भीफुटपाथों पर,ज़िन्दगी गुजारने सेबचना चाहता है,भूख के लिएभूख से लड़कर,मरना नहीं चाहता है ?क्यामेरी तरहवह भी,अपने हक लिएसंघर्ष कीराह अपनाना चाहता है,दाने-दाने कोमोहताज बच्चों … Read more

बरसो बादल

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** मरुधरा में बरसो बादलबरसो,न तरसाओ बादल,जून-जुलाई भी बीत गए हैं…आके दरस दिखाओ बादल। धरा तृषित हुई प्यारे मेघाकैसे विनती करें हम देवा,लायें दान-दक्षिणा,मिश्री मेवा…अम्बर पर छा जाओ बादल।आके दरस दिखाओ बादल… ताल-तलैया सारे भर दोखेतों की हर क्यारी भर दो,वन-उपवन भी तर कर दो…सबकी प्यास बुझाओ बादल।आके दरस दिखाओ बादल… धरती-अम्बर तक … Read more