ई-संगोष्ठी जैसा सटीक शब्द दिया जाना उचित

मुद्दा-वेबिनार बनाम अपने शब्द प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी (दिल्ली)- कुछ लोग वेब-संगोष्ठी की वकालत कर रहे हैं,लेकिन उन्हें मालूम होना चाहिए कि वेब भी इलेक्ट्रोनिक के अंतर्गत आता है। हमें…

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बरखा रानी आओ

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ बरखा रानी आओ,अभिनंदन है तुम्हाराजम के खूब बरसो,स्वागत है तुम्हारा। मौसम है बहारों का,मौसम है नजारों काशीतल पुरवइया,मन मेरा झूम रहा। नभ मेघा बरस रहे,देखो बदरा…

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इंसान हूँ मैं

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* चाहूँ न मैं कोई प्रशंसा,न देवी बनने की है मंशा।महान नहीं आम हूँ मैं,तुम्हारी तरह इंसान हूँ मैंइतना बस कहना चाहूँ। रचते हैं जो मुझ पर कविता,कहते हैं…

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रुत है बड़ी यह मास सावन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** बरसे पयोधर घोर गर्जन,हो रहा चहुँ और है।रुत है बड़ी यह मास सावन,नाचते अब मोर हैllमन मस्त है सब ओर से तन,है प्रफुल्लित डोलते।करते यहाँ पर…

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उदाहरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** वह हट्टा-कट्टा बॉडी बिल्डर-सा दिखने वाला आदमी चलती हुई बस में दो की सीट पर अकेला फैलकर ऐसे बैठा हुआ था,मानो पूरी बस का मालिक…

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अनिवार्य मातृभाषा हो तो हिंदी बने राष्ट्रभाषा ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** भारत में उत्तरप्रदेश हिंदी का सबसे बड़ा गढ़ है लेकिन देखिए कि हिंदी की वहां कैसी दुर्दशा है। इस साल दसवीं और बारहवीं कक्षा के २३ लाख…

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भोर निराली

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’कोटा(राजस्थान)***************************************************************** पूर्व दिशा से फूट रही सूरज की लाली,निकल नीड़ से फुनगी पर आ चिड़िया चहकीलदी हुई फूलों से बेलें लह-लह महकी,बोल उठी झुरमुट में बैठी कोयल काली।लघु…

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वीर योद्धा

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’मोहाली(पंजाब) ********************************************************************** विचारों का जगत यह सबके अपने विचार,इसी से चली दुनिया,फिर चलती बातें चार। विचार ना सबके एक से होते,ना सबकी बात,कहीं मिलती सहमति कहीं विरोध की रात।…

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ई-संगोष्ठी का उपयोग बेहतर

मुद्दा-वेबिनार बनाम अपने शब्द बलदेवानन्द सागर- डॉ.एम.एल. गुप्ता 'आदित्य' ने वेबिनार के लिए ई-संगोष्ठी का परामर्श दिया हैl चूँकि,मैं संस्कृत-साहित्य और संस्कृत-पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करता हूँ इसलिए निवेदन…

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बिखरी-सिमटी दुनिया

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)********************************************************************* बिल्डिंग के नीचे सन्नाटा पसरा है,क्योंकि..चौकीदार की औरत,गई है संक्रांत मनाने मायके।सब चीजें,बोरी,दरी,बर्तन-भांडे,रखे हैं जगह के जगह।कहीं कोई आवाज नहीं है,ना ही हो रहा कोई शोरक्योंकि चौकीदार की…

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