ई-संगोष्ठी ही योग्य शब्द

मुद्दा-वेबिनार बनाम अपने शब्द प्रो.डॉ. अरविन्द कुमार गुप्ता (कर्नाटक)- मेरे विचार में भी ई-गोष्ठी होना चाहिए,क्योंकि हम आमतौर पर सामूहिक परिचर्चा के लिए गोष्ठी शब्द का ही प्रयोग करते हैं…

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टूटे दिल की पीर

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* दिल टूटने पर जैसे,सपना टूट जाता हैकोई अपना,हमसे छूट जाता है। जिनको चाहा था,दिल सेहमें तन्हा छोड़ गए,हमसे मुँह मोड़ लिएज़माने के साथ,चल दिए। उसने…

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यूँ लगे कोई आया

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** तुम आओ न आओ,यूँ लगे कोई आयातुम कब हो अलग मुझसे,बने तुम्हीं साया,सपने देखे खुली आँखों से,की थी कुछ बातेंजब बातें की खुद से,तेरा जिक्र ही…

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याद मुझे भी कर लेना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** जब सूरज किरणें ढल जायेजब शाम को अंधियारा छाये,जलते दीपक की लौ …पर जबजलने को पतंगा आ जाये,पलकों में हो जब अक्स मेरातब याद मुझे तुम…

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जीवन दान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** सर्दी का मौसम,अंधेरी रात…l डॉ.शान्ति राय हॉस्पिटल के पास पी. आई,टी कोलोनी,कंकड़बाग(पटना) में अपने परममित्र प्रो.डॉ संतोष कुमार सिंह के यहाँ मिलने गया था…

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अब वो बात कहाँ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** 'अब वो बात कहाँ…तुम अपने 'पिता'-से मजबूत कहाँ ?मैं अपनी 'माँ'-सी सुघड़ कहाँ ?सुबह होती है,रात ढलती है,तुम बदले,कुछ हम बदलेअब वो पहले जैसा दौर कहाँ…

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ईश्वर ही जाने सारे गूढ़ रहस्य

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* मानव जन्मजात पागल ही तो है। जब जानता है कि साँसें गिनती की हैं और अपना शरीर भी अपना नहीं है,तो ऐसे में…

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शिक्षा का अलख जगाओ

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’ बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़)******************************************************************** अंधकार को दूर कराकर,उजियाला फैलाओ जी।बच्चों में विश्वास जगाकर,शिक्षा का अलख जगाओ जी। नामुमकिन को मुमकिन कर,काम सफल कर जाओ जी।बच्चों को नई राह दिखाकर,शिक्षा का…

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कलियुग में रावण

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** कल रात सपने में आया था रावण,कहने लगा-'बहुत कर लिया सहन,युगों से कहते मुझे अत्याचारी रावणकरते हो हर वर्ष दशहरे में मेरा दहन,द्वापर था पावन…

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सभी जीवों पर दया करें

श्रीमती अर्चना जैनदिल्ली(भारत)**************************** आजकल हर मनुष्य भौतिकता के युग में जी रहा है,और अपनी हर इच्छा को पूर्ण करना वह अपना कर्तव्य समझता हैl इस इच्छा को पूर्ण करने के…

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