तर्पण

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* किया जिसने सब कुछ अर्पण,उसके लिए हम करते तर्पण। पितृ पक्ष में होता ये कार्यक्रम,इसमें नहीं लगता कोई श्रम। हिन्दू धर्म की है ये…

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अंधेरे का एक प्रकाश-जय प्रकाश

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** लोकनायक जय प्रकाश नारायण जयंती (११ अक्टूबर) विशेष... आज़ादी को जब खून था खौला,ब्रिटिश शासन पर वो हल्ला बोलागाँधी का वो भाई था मुँहबोला ,जिनके…

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राम दरबार को नमन

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* छवि अति मनोहर,शोभत नित सुन्दरबैठे संग हनुमत,दृश्य तो निरखिए। चित्र अनुपम‌ मोहे,प्रभु राम मध्य शोभेदाहिने भ्राता लक्ष्मण,बाम सिया देखिए। हनुमत कर जोड़े,प्रभु चरणों पे झुकेभक्ति…

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बचपन की यादें

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* बड़ी सुहानी थी वो बचपन की यादें,दिल को महकाती थी वो बचपन की यादेंखेलना-कूदना होता था बचपन में,बड़ी ही हसीन होती थी वो बचपन की यादें।…

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माँ का आँचल

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** माँ का आँचल परचम बन, नील गगन में लहराया हैबादल बन कर ममता का, धरणी पर ही बरसाया है। वीर शिवाजी के वीरत्व में,था माँ का ही…

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अतीत

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह रूकावट है,मजबूत ताक़त बनकरज़िन्दगी में ला देता, छटपटाहट है। यह एक कमजोरी है,आगे बढ़ने से रोकनाइसकी फितरत है,कह सकते हैं लोगों के आगे बढ़ने की राह पर,बहुत बड़ी…

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बोल रहा है कागा

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* ऊँची-ऊँची मंजिलों पर,बैठकर बोल रहे हैं कागेपितृ पक्ष में सब, देव पितरण,सोए थे, अब नींद से जागे। ढूँढ रहे हैं धरा पर पितरणअपने-अपने सभी कुल वंशसब…

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दुविधा

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** सोचता हूँ एक,करता हूँ एकबात सीधी है जी,दिमाग-दिलदोनों नहीं एक…। असमंजस में पड़ा,हैरान हो जाता हूँतू ही बता दे दोस्त,क्या करना होगा मुझे…? सवाल है मन में,मचा है…

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करार दिया करो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* बे-करार दिल का करार हो, तो करार दिल को दिया करोये नसीब था कि मिले हो तुम, तो बने बहार रहा करो। हो तुम्हीं तो…

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भारत की तकदीर बनाएं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आओ कर की रेखाओं से,एक नयी तस्वीर बनाएं,अपनी तकदीरों से हम सब,भारत की तकदीर बनाएं। आओ इसे बना लें उपवन,पुष्पों जैसे हम-तुम लहकेंबढ़े हमारी इतनी खुशबू,हम सारी दुनिया…

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