हरियाली अमावस-निर्मल दिन

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** सर्व मनोकामना पूर्ण करने का है,यह मंगलमय पावन त्यौहारसोमवती हरियाली अमावस का यह,पवित्र और निर्मल दिनलेकर आता है खुशियाँ और प्यार। पीपल वृक्ष की एक सौ आठ,परिक्रमा से पूर्ण…

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आज तो सावन आया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावन आया मन रहा, बूंदों का त्योहार।मौसम को तो मिल गया, क़ुदरत का उपहार॥क़ुदरत का उपहार, दादुरों में खुशहाली।खेतों में मुस्कान, सिंचाई है मतवाली॥मेघों का उपकार,…

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चमक

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६, १७ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२२२२, ३३२, २३३ बम बम भज…

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नीर की महिमा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नीर की महिमा जानें आप।धरा का सहे निरंतर ताप॥श्रेष्ठ जल ही बस है आधार।समझ ले इसका क्या है सार॥ व्यर्थ न कभी करें बर्बाद।करें दीनों को हरपल…

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नुपुर

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* मैं नुपुर हूँ,मैं बजती रहती हूँबजना ही मेरा काम हैकभी अपनों के बीच,कभी गैरों के बीचकभी मैं स्वयं बजती हूँ,कभी बजाई जाती हूँ। क्या…

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प्यार के बदले प्यार ही लेते

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** सावन पावन-मन भावन... क्या उनको खबर नहीं है !आया है ये पावन सावनआया बहार लेकर फिर भी,सूना है मेरे मन का आँगन । हर शय पर है…

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तुम, मैं और बरसात

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* तुम और बरसात,दोनों ही एक जैसेयादों मे बरसते रहते हो,कभी रिमझिम…कभी मूसलधार,दिल को पिघला देने वालेकभी प्रेम से सर्द,कभी आँखों की पलकेंभीगी उफनती हुई…,नदियों जैसे…। भीगा…

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मुदित होता मन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तारीफ़ मुदित होता है मन, उल्लास हृदय महकता है,बढ़ता उमंग पौरुष चितवन, उत्साह उदय मुस्काता हैसाजन वियोग ज्वाला अनंत, आगम सावन मिट जाता है,आनंद…

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सब खुशियाँ रोईं थीं

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** बड़े प्रेम से बड़े जतन से जो फसलें बोईं थीं,भारी बारिश आई अचानक, सब खुशियाँ रोईं थींकितने सपने देखे थे कि भारी फसल उगेगी,जब बाजार में बेचूँगा…

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शिक्षा है अधिकार हमारा

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** शिक्षा नदियों की सी धारा,शिक्षा जीवन का है किनाराशिक्षा है आधार हमारा,शिक्षा है अधिकार हमारा। क्षुधार्थ शिशु जब करता रोदन,शिक्षा का तब होता रोपणपल-पल जैसे शिशु है…

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