धर्म और राजनीति
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मेरे हिंदुस्तान की है पहचान धरम से,धरम से जगत गुरू का पद पाया हैजनम से मृत्यु तक, धरम ही धरम है,धरम का ध्वज ही सदा से लहराया…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मेरे हिंदुस्तान की है पहचान धरम से,धरम से जगत गुरू का पद पाया हैजनम से मृत्यु तक, धरम ही धरम है,धरम का ध्वज ही सदा से लहराया…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** देश विज्ञानदिखा सबको शक्तिभरी उड़ान। गृह प्रवेशभारत बने गुरुबने विशेष। रहा सपनाहोगा अनूठा चौथादेश अपना। लक्ष्य है बड़ापास चाँद भारतसंग है खड़ा। देखेंगे सबपोटली उम्मीदों कीखुलेगी अब।…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** खो जाने दो हमें गुमराहियों के अंधेरे में,वाह-वाहियों की हमें कोई दरकार नहींनहीं चाहिए हमें ऐसी ख्याति-विख्याती,लोक मंगल का हो जिसमें विचार नहीं। कहां खोए रहे…
डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह जज्बाती संस्कार है,रिश्तों में मिठास लाने कासबसे सुखद व्यवहार है,पहल करने वाले छोटे नहीं होते हैंउम्रदराज होने पर,ऐंठते नहीं हैं। छोटी-छोटी बातों को,नजरंदाज करना चाहिएउम्दा सीख छोटी शख़्सियत…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* उठो जागो सवेरा हो गया है,सूरज निकला पूरब से, देखो सवेरा हो गया हैलालिमा बिखेरता चहुं ओर सूरज,देखो सवेरा हो गया है। चंचल किरणें उतर रही…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** पावन सावन मन का आँगन... सावन माह बड़ा मनभावन,हरियाली संग बड़ा लुभावनबरखा पानी मस्त सुहावन,भक्ति शिव का माह ये पावनजंगल हरा-भरा कर आया सावन,खिले फूल…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** हाय! मेरा दिल रोने लगा है,धैर्य भी अब खोने लगा है। कैसा होगा अपना भविष्य,भ्रम-सा जी में होने लगा है। जिस पर था विश्वास अटल,वही अब धोखा…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** आतंकवाद हो सावधान,अब मनमानी न चलने देगें।लुट जाए सर्वस्व मगर हम,तुमको नहीं पनपने देगें॥ शांति, धैर्य अपनाया हमने,तुमने इनका मजाक उड़ाया।दरगाहों, मस्जिद, मजार को,हथियारों का केंद्र बनाया।निर्दोषों…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* कब से रास्ता निहारती हूँ साजन,मैं दिलों के बीच झरोखे सेक्यों तुम सूना कर गए हो आँगन,बिना बोले चले गए धोखे से। क्यों छुप गए तुम…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** देश गर्व से देख रहा है,आज चमकते चाँद की ओरदुनिया में अपना नाम बना है,छूकर इसका तलीय छोर। भारत की इस जय में बोलें,जय…