कोहरा

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* नया उजाला-नए सपने... बढ़ रही है धुंध, छा रहा है कोहरा,खत्म हो रहा दिसंबर अब तो पहरा। आएगा नया साल लेकर राज गहरा,देखें क्या…

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नव शुरुआत करें

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* नया उजाला-नए सपने... रचनाशिल्प:मापनी-१२२ २२२ २२२ २२१ १२ यगण मगण, मगण तगण लघु गुरु (लगा) पुरानी यादों में,गाएंगे संगीत नया।तराना छेड़ेंगे,आया है ये वर्ष नया॥ खिलें…

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जरा मुस्कुराइए

वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ नया उजाला-नए सपने... नव वर्ष आगमन है,उदासी भगाइए, खुशियों को बुलाइएसफर पर निकलिए आमऔर खुद को खास कर आइए,'जरा मुस्कुराइए।' कुछ समय गुजारिए खुद के साथ,मन का कुछ…

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नया साल-संकल्प

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** नया उजाला-नए सपने.... हर एक साल के बाद,आता है एक नया सालसदियों से चलता रहा है,इस दुनिया का ये हाल। नए साल का जश्न,हम एक…

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मन बेचैन

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** जय श्री कृष्ण (भाग-२)... तुमसे मिलने को सदा, मन रहता बेचैन।आओ प्यारे साँवरे, राह तके निज नैन॥ हृदय कुंज में पग धरो, पावन हो यह…

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इंसान बस रहे इंसान ही

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दुनिया को आज उसका ज़रा भी पता नहीं।जो दूसरे की सिम्त कभी देखता नहीं। मिलता नहीं है चैन किसी भी जगह उसे,जिसको ख़ुदा की…

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शिकायत क्यों ?

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** गुजरते वक्त से हमको भला कोई शिकायत क्यों,गुजरना काम है उसका करें उसकी खिलाफत क्यों ? निभाई दुश्मनी ता-उम्र हमसे दोस्ती करके,कभी मैं सोचता हूँ आज…

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अटल न जीवन रहा कभी भी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** 'अटल' जिंदगी... अटल न जीवन रहा कभी भी,न अजर है रहने वालाये जीवन है मय जन्म-मरण की,यह जग है मधुशाला। निकल गया जो पल इस जीवन…

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तुम्हारी याद

स्वराक्षी 'स्वरा'खगड़िया (बिहार) ************************* सनम दिल जान से मैं तो, तुम्हें ही प्यार करती हूँ।बहुत ही कीमती है तू, तुम्हें खोने से डरती हूँ॥… मुझे दिन रात ही अब तो,…

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कैसे सहूॅं माँ गम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** कैसे सहूॅं माँ गम परलोक गमन बिन छांव तले,आज हुआ अकेला खो माँ ममतांचल कर्मपथीमाँ हृदय सदैव त्रिमूर्ति का अनुभव लघु जीवन,माँ हीरा बेन…

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