अडिग रहो कर्म पर

जय श्री कृष्ण (भाग-२)... बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** अडिग रहो निज कर्म पर, देंगे फल प्रभु चार।एक आस विश्वास ही, करे स्वप्न साकार॥ पावन ब्रज की वो धरा, जहाँ…

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वो चाय

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** स्कूल जाने से पहले,वो पारले-जी वाली चायहाँ मुझे याद है,पिताजी की आफिस सेवापसी वाली चाय।फिर शाम को ४ बजे की,परिवार के साथ वाली चायमुझे याद है…

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संस्कार और संस्कृति

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीमनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************************* शुद्धि की प्रक्रिया ही मौलिक संस्कार है,शरीर, मन, और मष्तिष्क जब पवित्र हो तो श्रेष्ठ श्रृंगार हैसंस्कृति हमारे देश की प्राचीन अलंकार है,निरंतर मानव को उदयीमान…

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खो गई है बेटियाँ

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नन्हीं हथेली में,पकड़ना चाहती है चाँद कोजिद करके,पाना चाहती चाँद को। छुप जाता है जब,माँ को पुकारती पाने चाँद कोथाली में पानी भरकर,परछाई से बुलाती माँ चाँद…

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रात ढल चुकी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* झाँक रही हूँ खिड़की से नीलगगन,कहाँ हो चन्द्रमा, कहाँ हो गए मगनसच बताओ चन्द्रमा, क्या है इरादा ?लगता है भूल गए हो अपना वादा। रात ढल…

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लुट रही हैं अस्मतें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* लुट रही हैं अस्मतें, बचते अश्क शूल से,ज़िन्दगी की राह में, बिछ रहे बबूल से।कन्धे तोड़ के सभी, बोझ दिल में दे गये,ज़ख्म दिल…

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अदभुत प्रकृति

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** ईश्वर की संरचना देखो कितनी अद्भुत कितनी प्यारी।कैसे-कैसे फूल खिलाये हर खुशबू है न्यारी न्यारी॥ सूरज-चाँद-सितारे, उसने खेल-खिलौने अज़ब बनाये,है आश्चर्य शून्य से नभ में, इन…

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मगरुर

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* हसींं भरपूर होते जा रहे हैं।मगर मगरुर होते जा रहे हैं। ज़रा मशहूर होते जा रहे हैं।नगर का नूर होते जा रहे हैं। बड़े…

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मोह-माया का संसार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** इस दुनिया में रहना नहीं,हमें एक दिन तो जाना हैजाएगा साथ नहीं कुछ भी,फिर किसका ताना-बाना है। रहा बचपन में जब तक,सोंचा हर खिलौने मेरा…

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अनुराग

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* प्रेम करें हर जीव से, करें द्वेष का त्याग।सबमें आत्मा एक है, करो न इसके भाग॥ वैर भाव को छोड़कर, करें सभी अनुराग।जीवन चलता प्रेम से,…

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