प्रकृति से जोड़ता है योग

गुलाबचंद एन.पटेल गांधीनगर(गुजरात) ************************************************************************ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष …………………. पृथ्वी की भ्रमण कक्षा में उत्तरायन की तरह दक्षिणायन दिन का भी महत्व हैl सूर्य नारायण का दक्षिण प्रयाण याने कि २१ जून,जो वर्ष में सबसे ज्यादा लंबा दिन होता हैl २०१४ में विश्व के सभी देशों ने जनरल एसेंबली में भारत के प्रस्ताव को मान्य … Read more

बहुत जरुरी है स्वच्छ नौकरशाही अभियान

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** केन्द्र सरकार ने जिस तरीके से भ्रष्ट अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया,उससे साफ संकेत मिले हैं कि पहले कार्यकाल में सफलतापूर्वक स्वच्छ भारत अभियान चलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल नौकरशाही में स्वच्छता लाने वाला होगा। पहले १२ वरिष्ठ वित्त अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद … Read more

योग का महत्व

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** योग एक आध्यात्मिक प्रकिया है जिसके अंतर्गत शरीर,मन और आत्मा को एकसाथ लाने का काम होता है,अर्थात् योग द्वारा एकाग्रचित्त होकर तन और मन को आत्मा से जोड़ते हैं। गीता में श्रीकृष्ण ने एक स्थल पर कहा है-‘योगः कर्मसु कौशलम्‌’ अर्थात् योग से कर्मो में कुशलता आती है। हमारे देश … Read more

नई शिक्षा नीति के संबंध में कुछ सुझाव:मौलिक चिंतन मातृभाषा में ही

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र) *************************************************************** स्वाभाविक रूप से मौलिक चिंतन मातृभाषा में होता है,लेकिन भारत में तेजी से बढ़ रहे अंग्रेजी माध्यम के चलते बच्चा जो स्वभाविक रूप से मातृभाषा जानता है,अंग्रेजी नहीं,वह विवश होकर बचपन से बिना समझे पाठ्यसामग्री को रटने लगता है। इसके कारण धीरे-धीरे उसकी तर्कसंगत व मौलिक चिंतन की स्वाभाविक … Read more

जो जोखिम लेते,वे रचते इतिहास

सत्यम सिंह बघेल लखनऊ (उत्तरप्रदेश) *********************************************************** खुद को आरामदायक स्थिति में बनाए रखने के लिए हम परिस्थितियों को ही वजह बनाते रहते हैं। कभी समय का अभाव,कभी भाग्य को दोष देना,तो कभी आर्थिक,शारीरिक,मानसिक स्थिति को ढाल बनाकर खुद को कमजोर साबित करते रहते हैं। सच तो यह है कि,हम भागते हैं, वास्तविकता से दूर भागते … Read more

शिक्षा जगत की तस्वीर कई स्तरों पर बदलने की जरूरत

प्रेमपाल शर्मा  **************************************************************** खुशी की बात यह है कि ३० मई को नई सरकार के शपथ ग्रहण करने से पहले ही १०० दिन के जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं,उसमें शिक्षा भी शामिल की गई है। उसी के अनुरूप ३१ मई को नए मानव संसाधन मंत्री पोखरियाल के कार्यभार संभालते ही कस्तूरीरंगन रिपोर्ट देश के … Read more

हम क्यों खेलें आतंकियों के हाथ में !

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** बिश्केक में चल रहे शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में सारा फोकस ही बदला हुआ लग रहा है। भारतीय टी.वी. चैनल और अखबार ऐसा दर्शा रहे हैं,जैसे यह आठ राष्ट्रों की बैठक भारत-पाक तनाव को लेकर ही हो रही है। वास्तव में इस बैठक का असली मुद्दा यह है … Read more

प्रगति रोकना है परिवर्तन ना स्वीकारना

अलका जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** जीवन का पहला सबक होना चाहिए परिवर्तन में आस्था काl यह बुनियादी पाठ है। न काम पर काबू से का न कोध पर काबू पाने का,जीवन का धर्म होना चाहिए,परिवर्तन में अटूट आस्था का। हालांकि,परिवर्तन को मन कभी सहज रुप से स्वीकार नहीं करता हैl मन भागता है परिवर्तन से दूर,परे,जबकि … Read more

हिन्दी तो भारत की मिट्टी,पहल ऊपर से हो

महेश रौतेला **************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल……….. ये नाटक बाजी लग रही है। हिन्दी क्यों पढ़ें! क्या सरकारों ने हिन्दी(जहाँ हिन्दी प्रथम भाषा है) को रोजगार,शिक्षा,न्याय, प्रशासन में पूर्णतः(अंग्रेजी रहित) लागू कर दिया है! नहीं। वहाँ अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर दी है ?नहीं। केन्द्र सरकार की नौकरियों में … Read more

भाषाई दीवार को गिराने में `देवनागरी` की महत्वपूर्ण भूमिका

डॉ.प्रो.पुष्पेन्द्र दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल………. आज के जमाने में भाषाएँ भारत को तोड़ने का काम करेंगी। हरेक प्रान्त और हरेक व्यक्ति को अपनी भाषा से प्रेम और लगाव होना अनुचित नहीं है,लेकिन हमें यह बात भी नहीं भूलना चाहिए कि भाषा के आधार से दुनिया में … Read more