हिन्दी:जनता और प्रशासक राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकारें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मागधी अर्द्ध मागधी प्राकृत संस्कृत से निर्मित ग्यारह सौ वर्षों के वृहद काल में नवांकुरित नवपल्लवित, पुष्पित और सुरभित फलित हिन्दी भाषा और साहित्य…

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मानसिक संतुलन के लिए शिक्षा में परिवर्तन आवश्यक

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** इंसान अपना मानसिक संतुलन इस कदर क्यों खो रहा है कि, छोटी-छोटी बात पर हत्या तक को अंजाम दे देता है। इसका सबसे पहला कारण कि, आजकल…

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यूक्रेन:भारत की भूमिका हो सकती है बेजोड़

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन-यात्रा ने सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। वैसे पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपति ईराक और अफगानिस्तान में गए हैं, लेकिन…

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विश्वगुरु बनने का सुन्दर प्रयास !

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** वैसे हमारा देश लापरवाहियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कोई भी काम नियमानुसार होना, करना कठिन और असंभव है। हमारे यहाँ भाषण में बहुत-कुछ नैतिकता की बातें बोली…

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मुफ्त की बजाय गरीबों का आर्थिक स्वावलम्बन जरूरी

ललित गर्गदिल्ली************************************** आजादी के अमृत काल में सशक्त भारत एवं विकसित भारत को निर्मित करते हुए गरीबमुक्त भारत के संकल्प को भी आकार देना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी…

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कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* कांग्रेस पार्टी का वृहद अधिवेशन रायपुर में होने जा रहा है। इसमें २०२४ के आम चुनाव की रणनीति तय होगी। रणनीति का पहला बिंदु यही है कि…

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मातृभाषा की आरती नहीं, इसे व्यवहार और वाणी में उतारें

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष... जब मैं मातृभाषा, स्वभाषा, राजभाषा या राष्ट्रभाषा की बात करता हूँ तो मेरे सामने भाषा नहीं देश होता है। किसी देश के…

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हिंदी-शिक्षण की सुविधाओं से आवश्यक है उसकी आवश्यकता

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** किसी भी भाषा के प्रचार-प्रसार का प्रमुख साधन है भाषा-शिक्षण। भाषा-शिक्षण के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाओं की आवश्यकता होती है, लेकिन सबसे अधिक आवश्यक है…

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‘आयकर’ की जगह ‘जायकर’ क्यों नहीं ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* हमारे देश में आय कर फार्म भरने वालों की संख्या ७ करोड़ के आस-पास है, लेकिन उनमें से मुश्किल से ३ करोड़ लोग कर भरते हैं। क्या…

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आप भगवान नहीं, हम बना देंगे!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** हमारा देश धर्मभीरु और कष्ट प्रधान देश है। यहाँ तैतीस करोड़ देवी-देवता हैं तो हजारों की संख्या में भगवान् होना कोई नई बात नहीं है। भगवान् ऋषभ देव…

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