गाँव से

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** निष्ठुरपुर गाँव में चार-पांच दिन से माहौल बहुत गर्म था। पंचायत भवन में गर्मी कुछ ज्यादा थी,यह आस-पास के चार-पांच गाँव की संयुक्त पंचायत थी। बार-बार सरपंच पर पंचायत बुलाने का दबाव था। अंततः उन्होंने आज पंचायत बुला ही ली,मुद्दा था-महानगर से विस्थापितों का आगमन।पंचायत का निर्धारित समय आया तो … Read more

जैसा भगवान चाहें

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** “बापू प्यास लगी है। मेरा गला सूखा जा रहा है। अब मुझसे,चला नहीं जा रहा है।”छ:साल की बेटी,अपने पिता को डबडबाई ,आँखों से कातर स्वर में कहती है। उसके पिता नन्हीं बेटी को,सांत्वना और भरोसा देते हैं कि-“बिटिया बस सामने झोपड़ी दिख रही है। वहां हमें पीने के लिए … Read more

नई बयार

देवश्री गोयल   जगदलपुर-बस्तर(छग) ******************************************************* आज नेहा की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसे लग रहा था मानो उसके पंख लग गए हों। आज उसने एक ऐसा काम किया था,जिससे उसे अपने ऊपर गर्व हो रहा था। एक आत्मिक सन्तोष मुख मंडल पर स्पष्ट दिखाई दे रहा था। कुछ साल पहले की घटना उसकी आँखों के … Read more

सुबह का भूला

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** शहर से सोहन को शुरू से लगाव रहा है,शहर से आने वाले लड़के जब उसके सम्मुख शहरी चकाचौंध का वर्णन करते तो सोहन अपनी कल्पना में शहर का चित्र खींचने लग जाता। उनको जब नए एवं चमकदार वस्त्र पहने देखता तो स्वयं को उनके सामने बहुत निम्न श्रेणी का महसूस … Read more

माँ,मुझे माफ कर दो…

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. माँ के बार-बार मना करने के बाद भी एक दिन लोकेश के मामा ने अपनी बहन को मोबाइल फ़ोन उपहार स्वरुप दे दिया। अब मोबाइल फ़ोन हाथ में पकड़ कर माँ उलझन में पड़ गयी,क्योंकि उन्हें तो मोबाइल के बारे में कुछ भी … Read more

झुमकी का `मदर्स-डे`

‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. ग्यारह बज रहा है,केसर अभी तक नहीं आई। हैरान-परेशान पल्लवी झाड़ू लेकर आई ही थी कि,तभी केसर अपनी बेटी झुमकी को लेकर आ गई। पल्लवी ने अपने गुस्से को नियंत्रित कर बोला-“कितनी देर कर दी केसर ? ग्यारह बज रहे हैं,मैं कब खाना बनाऊंगी ? चल जल्दी से बर्तन … Read more

इक्कीस दिन…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** अमवा बाजार गाँव को एक फुलवारी ही समझिए,जिसमें सभी रूप-रंगों और सुगंधों के पुष्प खिले हुए हैं। इन पुष्पों में एक पुष्प है ‘माधुरी’ जो विधवा है। उसकी बड़ी बेटी मधु अभी छह वर्ष की ही है,लेकिन माँ की मजबूरियों को समझती है। वह अपने छोटे भाई मुन्नू को गोद … Read more

मानवता मुस्करा दी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** माधव और नासीर दोनों एक-दूसरे के कंधे पर सिर टिकाए निढाल हैं। एक-दूसरे की आँखों से सारे आँसू पौंछ कर…। किसी एक पार्टी के लोगों ने माधव के जवान बेटे को मार दिया और किसी दूसरी पार्टी के लोगों ने नासीर के अब्बा को। और दूसरे जो लोग मरे,उनसे भी … Read more

अनुत्तरित लहरें

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** अनु तेजी से सोचती जा रही थी। माथे पर पड़ी शिकन साफ बता रही थी कि समस्या बहुत उलझी हुई है। अचानक खीज उठी..ये बस भी कितनी धीमी चल रही है,मगर बस धीमी चल कहाँ रही थी,वह तो अनु का दिमाग़ तेज़ गति से चल रहा था। जैसे-जैसे विजय का … Read more

तुसी ही रब हो…

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’ भोपाल(मध्यप्रदेश) *********************************************************************************** चिकित्सक के जीवन में हर दिन का अपना महत्व होता है,पर उसमें भी कुछ दिन यादगार बन जाते हैं। ऐसा ही एक दिन था शायद अप्रैल १९७ का,उन दिनों मैं अमृतसर की इन्फैन्ट्री बटालियन में रेजिमेंटल मेडिकल आफिसर पदस्थ था। हम युवा मेडिकल ऑफिसर्स की स्थानीय सेना अस्पताल … Read more