शरद ऋतु

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सर्दी का संकेत हैं,शरद पूर्णिमा चंद्र। कहें विदाई मेह को,फिर आना हे इन्द्र। फिर आना हे इंद्र,रबी का मौसम आया। बोएँ फसल किसान,खेत मानो हरषाया। शर्मा बाबू लाल,देख मौसम बेदर्दी। सहें ठंड की मार,जरूरत भी है सर्दी। मौसम सर्दी का हुआ,ठिठुरन लागे पैर। बूढ़े और गरीब से,रखती सर्दी बैर। रखती सर्दी … Read more

पानी

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** पानी बिन सूखा पड़े,बरसे तो ले डूब। कैसी रचना रच रहा,प्रभु ही जाने खूब॥ प्रभु ही जाने खूब,ईश की महिमा न्यारी। सबके पालन हार,वही है जगत मुरारी॥ कहे कवि हरी सिंह,सभी हैं हम अज्ञानी। दया करो हे नाथ,हुआ सब पानी-पानी॥ पानी ये अनमोल है,देता जीवन दान। व्यर्थ बहाना छोड़ दो,कहना … Read more

धरती का भगवान

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** खेती-बाड़ी जो करे, होता वही किसान। धरती की सेवा करे, धरती का भगवानll धरती का भगवान, सदा ही करे किसानी। रखता इतनी चाह, सुलभ हो दाना पानीll कह डिजेन्द्र करजोरि, कभी जो पीटे छाती। रोये जहाँ किसान, कहाँ हो खेती पातीll परिचय-डीजेंद्र कुर्रे का निवास पीपरभौना बलौदाबाजार(छत्तीसगढ़) में है। … Read more

साधु

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ऐसे सच्चे साधु जन,जैसे सूप स्वभाव। यह तो बीती बात है,शेष बचा पहनाव। शेष बचा पहनाव,तिलक छापे ही खाली। जियें विलासी ठाठ,सुनें तो बात निराली। कहे ‘लाल’ कविराय,जुटाते भारी पैसे। सुरा सुन्दरी शान,बने स्वादू अब ऐसे। टोले साधु सनेह जन,चेले चेली संग। कार गाड़ियाँ काफिला,सुरा सुन्दरी भंग। सुरा सुन्दरी भंग,विलासी भाव … Read more

बेटी

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** भारी उसका पेट था,सास चाहती लाल। लेकिन किस्मत चल गयी,देख अनोखी चाल। देख अनोखी चाल,जनी है उसने बेटी। खोल रही है सास,रोज तानों की पेटी। साफ चमकती आज,सास की है लाचारी। चली सदन ‘राजेश’,बहू के पद थे भारी। मिलती रही प्रताड़ना,गरल उतारे नार। गुड़िया के डग ले रहे,रोज नये आकार। रोज … Read more

दीपक ज्यों जल कर कहे….

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** आजादी के हो गए,आज बहत्तर साल। लेकिन अपना देश है,अभी तलक बदहाल॥ अभी तलक बदहाल,करोड़ों भूखे नंगे। नेता अपने धन्य,कराते रहते दंगे॥ सुरसा मुँह की भाँति,आज बढ़ती आबादी। कुछ को बच्चे तीस,कौन-सी यह आजादी॥ भैया को माने बहन,कान्हा का अवतार। चीर हरण पर है यकीं,लेगा भ्रात उबार॥ लेगा भ्रात … Read more

मतदान

सुकमोती चौहान ‘रुचि’ महासमुन्द (छत्तीसगढ़) ********************************************************************************** जनता मेरे देश की,करे सभी मतदान। जागेंं निज हित के लिए,हक अपना पहचान हक अपना पहचान,राष्ट्र समृद्ध बुनिए जी। सबसे यही अपील,योग्य नेता चुनिए जी। कहती ‘रुचि’ करजोर,समय में ही फल पकता। लोकतंत्र की नींव,प्रगति अब चाहे जनता। परिचय-श्रीमती सुकमोती चौहान का साहित्यिक नाम ‘रुचि’ है। जन्मतारीख-५ नवम्बर १९८२ … Read more

सावन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सावन मन भावन लगे,भक्ति शक्ति संगीत। सत्यम शिवम् विराजते,पावन सावन प्रीतll पावन सावन प्रीत,चढ़े झूले पर सखियाँ। तकती है मनमीत,बरसती सावन अँखियाँll शर्मा बाबू लाल,नहीं हो भाव अपावन। भक्ति प्रीत संजोग,लुभाए पावन सावनll हर-हर बम-बम गूँजता,नभ में बिजली मेह। वधू,कन्याएँ झूलती,झूले तीज सनेहll झूले तीज सनेह,सजे मेंहदी व कंगन। इन्द्र धनुष … Read more

चन्द्रयान-दो

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* भेजा है फिर चाँद पर,’इसरो’ ने चन्द्रयान। दुनिया में भारत बना,चौथा देश महान॥ चौथा देश महान,इसकी लागत न ज्यादा। औरों की क्या बात,यहाँ आधे से आधा॥ कह ‘बिनोद’ कविराय,हर्षित हुआ कलेजा। इसरो पर है गर्व,चाँद पर इसको भेजा॥ परिचय : बिनोद कुमार महतो का उपनाम ‘हंसौड़ा’ है। आपका जन्म १८ जनवरी … Read more

मैं बस चौकीदार

डॉ.विभा माधवी खगड़िया(बिहार) *********************************************************************************************** जिसने पहुंचाया तुम्हें,सत्ता का दरबार। तुमने दुत्कारा उसे,दुश्मन का बन यार॥ दुश्मन का बन यार,जभी मैदां में आया। देशभक्त ने टाँग,खींचकर मजा चखाया। समझ न आई बात,हराया उसको किसने। निश्चित उसकी हार,अकड़ दिखलायी जिसने॥ देखो बोलूंगा यहां,मैं बस चौकीदार। भीड़ कहेगी ‘चोर है’,जी मेरे सरकार॥ जी मेरे सरकार,नहीं ये मेरे चमचे। … Read more