नारी एक शक्ति

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ नारी तुम मात्र नारी नहीं हो… सृष्टि के आरंभ की शिला हो तुम…। जगत-जननी हो तुम, सूर्य का तेज हो तुम। समुद्र की गहराई हो तुम, चंद्रमा की शीतलता हो तुम। पर्वतों की उच्चता हो तुम, त्याग की पवित्र मूरत हो तुम। प्रेम का सागर हो तुम, समय पड़ने … Read more

सनातन काल से स्त्री

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात ) **************************************************************** माँ अंधी थी हमारी, पिताजी की उंगली पकड़कर उम्र भर चलतीं रहीं। अगर वे उन्हें रुकने को कहते तो वे रुक जाती थीं, फिर चल देतीं उन्हीं के पीछे-पीछे। कभी नहीं गयीं कहीं अकेली वे, कभी नहीं सोंचती थीं अपने बारे में, कभी नहीं किया कुछ अपने मन … Read more

हर रंग से है प्यार…

कृणाल प्रियंकर अहमदाबाद(गुजरात) ****************************************************** कितनी रंगों भरी है हमारी दुनिया, हर रंग की कुछ अलग है बात। कोई भर दे खुशियों से हमारा जहां, तो कोई कराता अकेलेपन का एहसास। लाल रंग लाता प्यार का संदेशा, पर वही देता खतरे का भी संदेशा। सफ़ेद रंग जो है शांति का, वही प्रतीक भी है मायूसी का। … Read more

नारी कमजोर नहीं

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** आज की नारी इतनी कमजोर नहीं,जो झुक जायेगी, करो चाहे पुरजोर जतन तुम,नहीं वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला,तेजाब से खत्म हो पायेगी, शक्ति रूप है नारी,नहीं मोम जो पिघल जायेगी। बंद करो तुम अब जिस्म का व्यापार चलाना, नारी कोई वस्तु नहीं जो बाजार में बिक … Read more

फाग

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** होली के रंग सुहाने लगे, जबसे श्याम ख़्वाबों में आने लगे। रंग रंगीली होली आई, प्यारे श्याम की पाती आई। रंग अबीर की होली आई, बरसाने में रंग गुलाल उड़े। जबसे श्याम ख्वाबों मे आने लगे, होली के रंग सुहाने लगे…॥ ललिता ने मारी भर पिचकारी, राधा की भीगी गुलाबी सारी। … Read more

प्रीत का उत्सव होली

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** होली उत्सव प्रीत का, मचा रंग का हाट हर दिन फागुन प्रीत के, नवल पढ़ाये पाठ। नयनों ही नयनों हुए, रंगों के संकेत रह-रह महके रातभर, केशर कस्तूरी के खेत। प्रीत महावर की तरह, इसके अलग हैं रंग बतियाती पायल हँसे, हँसे ऐड़ियाँ संग। रंगमयी आईने, बिसरे सभी गुमान जो … Read more

जैसा मैं सोचता हूँ

सतीश विश्वकर्मा ‘आनंद’ छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** शब्द मैंने लिखे जो अमर हो गए। कुछ तो ऐसे लिखे कि समर हो गए। बारहा वो सितम मुझपे करता रहा, मैंने हमले किये जो कहर हो गए…। हमने ज़मज़म समझकर जिसे पी लिया, ज़िन्दगी के वो प्याले ज़हर हो गए…। तेरी आगोश में खुद को बेखुद किया, सारी … Read more

नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प: विधान-१२२२,१२२२,१२२२,१२२२ = २८ मात्रा १२२२,१२२२,१२२२,१२२२ = २८ मात्रा १,७,१५,२२वीं मात्रा लघु अनिवार्य) बताओ कौन है ऐसा,मही नारी न हो जाया। सिखा ईमान भी इनको,सखे बेबात भरमाया। करें हम मान नारी का,सदा इंसान कहलाएँ, इबादत हो अमानत की,यही संसार में माया। करें सम्मान जननी का,विरासत ये चलाती है। सभी दु:ख … Read more

मैं हूँ नारी

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मैं ही तो वह नारी हूँ, जो सिंदूर देशहित वारी हूँ। बेटे के माथे तिलक लगा, सीमा पर मैं विदा कराती हूँ। जब ओढ़ कफन तिरंगा आता, अश्रु आँचल में छुपाती हूँ। मैं शेरनी महतारी हूँ, हाँ मैं वही नारी हूँ…॥ मैं रिद्धि हूँ,मैं सिद्धी हूँ, मैं ही तो मात … Read more

ये कैसी मोहब्बत

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें दिखाए। खुद चैन से रहे वो, हमें क्यों रोज रुलाये॥ करना … Read more