जनतंत्र-वंदनम्

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* लोकतंत्र जनराज का, है व्यापक आधार।नवयुग में नवचेतना, जनहित का आसार॥ लोकतंत्र का गान है, पलता है उल्लास।जीवन खिलने लग गया, है सुख का आभास॥ उगता…

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सर्व सुखों की फुलवारी

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** दर्द लिए बैठे हैं सब, किसको अपना दिखाओगे,हर कोई सुनाना चाहता, किसको तुम सुनाओगे। हाल पूछो किसी से भी, सब हैं बताने को तैयार,कहते यही कि…

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तेजस्विता करो प्रदान

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….. हर घर विराजे गजानन,दो वर्ष के कठिन समय के पारगणपति बप्पा पधारे हमारे द्वार,मन विचलित था, कर न सके तबआपका हर्षोल्लास से स्वागत…

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तुम भक्तों के हितकारी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….. हे गणपति गजबदन विनायक तुम भक्तों के हितकारी,प्रथम पूज्य हे देव दयानिधि दुःख हरो से दु:ख हारी।कर प्रणाम मैं करूंँ अर्चना ध्यान धरूंँ…

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देव तुम संसार के

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….. विघ्नहर्ता श्री गणेशा, देव तुम संसार के।लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥ प्रार्थना स्वीकार करना, हे गजानन दास हम।भक्ति…

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धर्म का पालन ही कर्म

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* उपवास और आराधना.... अपनी प्यारी भारत भूमि में, धर्म ही धर्म है,भारतीय को धर्म का पालन करना ही कर्म है। भारतीय करते हैं घरों में, उपासना-आराधना,पूजा-जप-तप…

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आओ प्रियवर

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** भांति-भांति कुसुम आगवानी,पथ बिछाये तुम्हारे हैं।जूही गुलाब कली कुमुदनी,सँग मन भी उतारे है॥आओ प्रियवर देख रहे पथमादक नैन हमारे हैं… मन सितार सप्तसूर नवरस,भरकर मधुरम मृदुल भावरस।अधरो…

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अनबन कैसे !

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दूर हुआ है साजन कैसे।रूठा उससे ये मन कैसे। लेकर आब भरे बादल को,आग लगाता सावन कैसे। होते प्यार भरे जब दो दिल,हो जाती…

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प्रभु कर दो बेड़ा पार

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष.... हे रिद्धि-सिद्धि के दाता,दीन दुखियों के भाग्य विधाताविनती करता हूँ बारम्बार,प्रभु कर दो बेड़ा पार। श्रृद्धा बन दिल में आ जाओ,विश्वास का दीप जलाओतुममें…

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सारे जहां एक जैसे हो गए

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** आज-कल सारे जहां एक जैसे हो गए,अपने-पराये क्या लालच में सब खो गए। मान क्या इन्सानियत ज़मीं भी सब खो गए,राहें ईमान कहाँ शैतान…

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