जन-जन का अभियान हिंदी

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* हिंदी और हमारी ज़िंदगी.... जगतगुरु अभिज्ञान है हिंदी,भारत का सम्मान है हिंदीशब्दों का भंडार है हिंदी,जन-जन का अभियान है हिंदी। सूरदास की दृष्टि हिंदी,मीरा के पद मिष्टी…

0 Comments

दादा-दादी का खिलौना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* दादा-दादी का खिलौना बन कर आई,खेली थी जिनसे, खिलाने उनको आई। पहले दादा खेलते थे कितना जग में,तब तो माँ थी मैं अभी पोती…

0 Comments

साहित्य में जीवन सार

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** साहित्य के साए में, पूरी होगी खुद की तलाश,अपनी अन्तर्चेतना का, होगा खुद को आभास। मार्ग मिलेगा खुद को, नए विचार पर चलने का,पवित्र दृष्टि से…

0 Comments

गौरव हिंदी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी…. एकता हिंदी,भारत आन हिंदी-सरल हिंदी। भावना हिंदी,असीम स्नेह हिंदी-गौरव हिंदी। जननी हिंदी,शब्द तिजोरी हिंदी-विराट हिंदी। तुलसी हिंदी,साहित्य पूरा हिंदी-जायसी हिंदी। श्रंगार हिंदी,उपहार है…

0 Comments

हिंदी मेरी हिंदी…

डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदीइंदौर (मध्यप्रदेश)********************************** हिंदी और हमारी जिंदगी…. परिवार पहली है पाठशाला,जहां माता निज भाषा बोलना हीशिशु को सिखाती है,पर आज की ये माँएं उर्फ मम्मी मम्माएँ,सो जाने के…

0 Comments

मिलकर एक तो होना होगा

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी... राष्ट्र का गौरव शोभित करने को,फिर से हमको क्या लड़ना होगा ?राष्ट्र भाषा के सम्मानित पद पर,शासित हिन्दी को करना होगा। अमृत…

0 Comments

सभी की प्यारी हिंदी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी... क्लिष्ट संस्कृत कालांतर में,बन बंगाली कन्नड़ उड़ियापंजाबी सिंधी गुजराती,मलयालम तेलगु असमिया। राजस्थान, मराठी, नेपाली,अवधि, ब्रज, गोंडी, भोजपुरीहरियाणा कश्मीरी कुमांयू,बनारसी गोंडी छत्तीसगढ़ी। संस्कृत से…

0 Comments

हमारी हिंदी, हमारी जिंदगी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी.... जन-जन की है भाषा हिंदी,भारत माँ के भाल की बिंदीकितनी है मीठी शब्द सरल,आत्मीयता सौहार्दता है हिंदी। जन-जन को जोडे़ बोली…

0 Comments

करें हिन्दी पर अभिमान

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** हिन्दी और हमारी जिन्दगी.... सिंधु को हिन्दु बोले ईरानी,हिन्दू से बना ,अपना हिन्दुस्तानभाषा से ही तो होती है अपनी,सभ्यता-संस्कृति की पहचान। सबकी अपनी-अपनी भाषा,अपने देश की अलग…

0 Comments

उत्थान करें

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी.... एक दिवस क्यों, हर दिन आओ हिन्दी का गुणगान करें,हिन्दी रची लहू में अपने, हम इसका उत्थान करें। ले मशाल हाथों में…

0 Comments