सोचो ज़रा..

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सोचो ज़रा… अगर हम पेड़ होते, जग को ठंडी छांह देते फल,पत्ते,लकड़ी भी, कितने उपयोगी होते…l नन्हीं चिरैया अगर होते, मीठी बोली से जग मोह लेते फूल होते तो रंगों से अपने, सजाते कितने मन आँगन खुशबूओं से भर देते जीवनl सोचो अगर…होते पवन जन-जन को … Read more

धरा का प्रेम

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरा यही सिखाती है सबको गले लगाती है, पौधे-फूल उगाती है सबको खुशहाल बनाती है। धरा हमारी धड़कन है सुंदर रस का संगम है, मधुर मिलन का मिश्रण है हरियाली का दर्शन है। सच्ची सेवा करती है सारी पीड़ा हरती है, कभी नहीं इतराती है सब … Read more

तुम हो

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ जहां भी देखूं,हर जगह तुम हो, मेरे लबों की,हँसी तुम हो। मेरी हर साँस के महकने की,वजह तुम हो… मैं जो जी रही हूँ,मेरे जीने की वजह तुम हो…॥ मेरी हर नज़र में,बसे तुम हो, मेरी हर कलम पर,लिखे तुम हो। मेरे दिल के,धड़कने की वजह तुम हो… मैं … Read more

धरा तू महान है

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… है धरती माँ,तुझे प्रणाम, तू कितनी है महान। तेरे आँचल में पले जग सारा , हर प्राणी की तू है जान, तू बड़ी महान। सम भाव से सबको हांके चहुँऔर रखती हैं ध्यान, हर समस्या का समाधान , तू बड़ी हैं महान। कभी बहाती तीव्र … Read more

चलो धरा बचाएं

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… आम का पेड़ आज बहुत उदास लग रहा है, ना डाली झूम रही है ना पत्ता ही हिल रहा है। मेरे मन में उदासी इसकी शंका जता रही है, गर्मी बहुत है आज शायद पानी को तरस रहा है॥ चिड़िया भी खामोश-सी है,छाँव भी नहीं … Read more

सावन-सा त्यौहार

विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सूख रही है धरा, सूख रहा है पानी, आँखों काl धरती बनती, मरू ये कैसा रूप, जवानी काl सूखा तन, तपता बदन धूल-गुबार और, आंधी काl रसातल में जा पहुंचा, जल ये कैसा रूप दीवानी काl आओ सजा दें आँचल इस माँ का, करें बूंदों से … Read more

धरती

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरा सुंदर कृति है, होना है इस पर सतीl धरा सुंदर रचना है, पेड़ जिसके सजना हैl कल-कल करती नदी बहती, तो कभी पत्थरों का भार सहतीl इस धरा पर ना कोई हो सीमा, एक प्रेम रूपी संगीत चले धीमाl धरा से बहता है जब … Read more

जीवन का आधार `धरा`

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरा धैर्य को धारण करती, धरा की है अमिट कहानी पानी पर है तैरती, सहस्त्र थपेड़ों की मार झेलती। सूर्य की परिक्रमा धरा निरन्तर है करती, संघर्ष सहती मगर कभी कुछ न कहती दिन-रात है सब प्राणियों की एक माला, धरा बतलाती यही है बन्दे तेरा … Read more

धरा

डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… अनादि,अनंत,अदृश्या अकाट्य,अभेद्य,अछेद्या अपरुपा के मनः प्राण की, शून्य से परिकल्पित चमत्कार है ये ‘धरा।’ सृजन-संहार की अदभुत क्रीड़ा-स्थली, नवग्रहों में सनातन जीवंत ईश्वर की सुंदर कल्पना की, सचेत प्रतिकृति है। अंबु,अनल,अनिल,अवनि-अम्बर के पंचभूत तत्वों से निर्मित देवो की पुण्य क्रीड़ा-स्थली, परमेश्वर का अनूठा परम धाम … Read more

धरा की धीरता धन्य

वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धन्य है धरा की धीरता को.., जहाँ जीवन कलकल बहता है.. सींचता हुआ जड़ी-बूटी,वनस्पति, धान्य एवं धमनियों को.. पेड़ों से मिलती है संजीवनी प्राणवायु.., धरती अपना सीना चीरकर.. करती है पोषण प्राणी मात्र का.., अपनी कोख से प्रसूता कष्ट सहन कर.. भरती है मणि रत्नों,धातुओं … Read more