मेरी माँ आ रही है

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** छम-छम की धुन देखो कानों में आ रही है, बजती देखो पायल,मेरी माँ आ रही है। भक्तों आई टोली जयकारे लगा रही है, गीतों में मधुर…

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उजाले- अंधेरे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** उजाले-अंधेरे संग चलते हैं, मगर दोनों विपरीत ही पलते हैं। उजाला नहीं ऐसे आता है जग में, नहीं उजाला खुद होता है मन में। प्रयत्न…

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हिंदीभाषा माला

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’ कोटा(राजस्थान) *****************************************************************************  (तर्ज:चांदी की दीवार न तोड़ी, प्यार भरा दिल...,रचना विधान-१६,१४ पर यति वाला,ताटक छंद पर आधारित) हे हिंदी तू उर में सजती,सुमन सुगन्धित माला है,…

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बेटी दो कुल का मान होती है

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** परी जैसी सलोनी-सी बड़ी नादान होती है, चले आँगन में जब बेटी वो घर की शान होती है। विधाता की अलौकिक शक्ति का…

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मुल्क और मीत

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** मितवा मुझे तो जाना होगा, दिल को तो समझाना होगा। वतन का साथ निभाने को, अपनों का हाथ बंटाने को... मुझे सरहद पे जाना…

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मुहब्बत सोचने वालों के बस की बात ना होती

अमितू भारद्वाज शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश) ******************************************************************************** मुहब्बत सोचने वालों के,बस की बात ना होती, ये आँखें सूख जाती तो,कोई बरसात ना होती। ना आते तुम ख्वाबों में,अगर चितचोर के जैसे, उड़ी…

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हिंदी भारत माँ की बिंदी है

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. यह कैसी शर्मिन्दी है, हिंदी भारत माँ की बिंदी है। अपनी ओर निहारो तुम, इसको जरा सँवारो तुम। भारती का सौंदर्य…

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हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है। मैंने तन-मन वार दिया,मेरी जां कुर्बान है॥ वंदे मातरम् वंदे…

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मातृभाषा का सवाल

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. मातृभाषा हिन्दी हमसे करती है सवाल, समझ नहीं आती क्यूँ शुद्ध हिन्दी में बात। यूँ बदली है युवा पीढ़ी अलग…

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पहचान है ये हिंदी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************  हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. माँ शारदे का न्यारा,वरदान है ये हिंदी। इस हिंद देश की तो,पहचान है ये हिंदी॥ हिंदी है गंगा-यमुना,सी…

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