पाप का बाप है लोभ

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** वर्तमान में अधिकांश लोग शिक्षित और चतुर हैं,और उनके साथ धोखा देने वाला उनसे अधिक होशियार और मूर्ख बनाने वाला होगा। आज जब यह समाचार पढ़ा,तब…

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एक पैग़ाम-युवा पीढ़ी के नाम…`प्रेम विवाह`

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* जब कोई बेटा या बेटी अच्छा काम करते हैं,तो उसके माता-पिता गुरुओं के साथ-साथ और भी बहुत से लोग होते हैं,जिनका सिर गर्व से…

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हिंसा से बढ़ता सामाजिक अलगाव एवं अकेलापन

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* आज देश ही नहीं, दुनिया में हिंसा,युद्ध एवं आक्रामकता का बोलबाला है। जब इस तरह की अमानवीय एवं क्रूर स्थितियां समग्रता से होती है तो उसका…

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बुराई के रावण का अंत जरूरी

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दशहरा बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है,आज भी अंधेरों से संघर्ष करने के लिये इस प्रेरक एवं प्रेरणादायी पर्व की संस्कृति को जीवंत बनाने की…

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रावण ने `रक्ष संस्कृति` की स्थापना की

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** रावण को जन सामान्य में राक्षस माना जाता है,जबकि कुल,जाति और वंश से रावण राक्षस नहीं था। रावण केवल सुरों(देवताओं)के विरुद्ध और असुरों के पक्ष…

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घमंड और रावण

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’ कोटा(राजस्थान) *****************************************************************************  दशहरा निकल गया,रावण जल गया,पर मेरे मन में प्रश्न अनेक सिर उठा रहे हैं।आखिर यह नवराते वर्ष में २ बार क्यों आते हैं ?…

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दोस्ती चेहरे की मीठी मुस्कान होती है

राजकुमार जैन ‘राजन’ आकोला (राजस्थान) ****************************************************** मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है। कदम-कदम पर अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी मित्र,सहयोगी की आवश्यकता होती है। कहा जाता है…

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‘शहंशाह’ वाकई हकदार हैं दादा साहेब फाल्के सम्मान के

इदरीस खत्री इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************* इस सम्मान पर चर्चा से पहले यह कि,दादा साहेब कौन थे और भारतीय सिनेमा में क्या योगदान था,समझ लेते हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के…

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…क्योंकि,अपनी लड़ाई मांस-लहू से नहीं

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** इंसान के चरित्र में यह खूबी हमेशा ही रही है कि,वह दूसरों के कार्य की अक्सर आलोचना करता रहता है,उनकी ओर उंगली करता रहता…

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इंसानियत की ऊंची मिसाल

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** गुजरात में सावरकुंडला के एक मुस्लिम परिवार ने इंसानियत की बहुत ऊंची मिसाल कायम कर दी है। मियां भीखू करैशी और भानुशंकर पंडया,दोनों मजदूर थे।…

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