परिदृश्य
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ विशाखा ऑफिस के कार्य में व्यस्त थी। इस समय उसे एक बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य करना था। वह उसी प्रोजेक्ट कमेटी की हेड थी।विशाखा हर कार्य…
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ विशाखा ऑफिस के कार्य में व्यस्त थी। इस समय उसे एक बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य करना था। वह उसी प्रोजेक्ट कमेटी की हेड थी।विशाखा हर कार्य…
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सामाजिक समस्या.... "दादी! एक बात समझ नहीं आती। हम इतनी मेहनत से दिन-रात एक करके पढ़ते हैं। नौकरी के लिए ना ? अच्छी नौकरी मिलती नहीं। मिलती…
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ विवाह की रस्में चल रहीं थी। दूल्हे की भाभी बड़ी खुश होकर सारी रस्म-रिवाजों का निर्वाहन कर रही थी, इस दौरान कई बार उनकी आवाज तेज…
सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ओ मेघा रे... गन्नू-माँ आज तू बहुत उदास है, क्या बात है ?माँ-तुझे क्या बताऊँ बेटा ? तू अभी बहुत छोटा है, तू इन बातों को…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* "क्या,डॉक्टर साब ! ५ तारीख के पहले एबॉर्शन संभव नहीं ?""नहीं ! मेरी कोई डेट खाली नहीं, पर आपको ५ तारीख में क्या प्रॉब्लम है…
डॉ. सोमनाथ मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)******************************************* ऑफिस से घर पहुंचा ही था तो देखता हूँ कि मेरे दोनों बच्चे अपने हाथों में एक-एक देसी कुत्ते का बच्चा पकड़े हुए गोदी में रखे…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* दूसरी सर्जरी के बाद निरुपमा काफी कमजोर हो गई थी। वह मुश्किल से एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सकती थी, वो भी किसी सहायता…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** 'अजी सुनते हो, घर में आटा खत्म हो गया है। शाम को लौटते समय बाजार से आटा लेते आना। खाना तभी बनेगा, जब आटा आ जाएगा।' रजनी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** बड़ी बहू को रोते देख, दादी सास से रहा नहीं गया। खटिया से खड़ी हो कर लाठी के सहारे टुक-टुक करती हुई प्रेरणा के पास पहुंच गई।…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** 'अजी सुनते हो, राहुल को स्कूल छोड़ने नहीं जाना है क्या। हमेशा गुमसुम बैठे रहते हो। कब तक कोसते रहोगे अपनी किस्मत को। अब नौकरी नहीं लगी…