भोलापन
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ भोलापन का लिये चेहरा,घूम रहे सब लोग।गलती सभी छुपाकर बैठे,बढ़ जाते फिर रोग॥ समझ न पाये कोई जग में,चलते अपने चाल।पीछे पीठ चलाते गोली,फिर पूछे क्या हाल॥ भोले-भाले बनते सारे,कोई समझ न पाय।अपने ही जब दुश्मन निकले,देख सभी डर जाय॥ विडम्बना ये कैसी आयी,मानव बदले रंग।खुशियाँ सारी लुट गयी … Read more