भोलापन

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ भोलापन का लिये चेहरा,घूम रहे सब लोग।गलती सभी छुपाकर बैठे,बढ़ जाते फिर रोग॥ समझ न पाये कोई जग में,चलते अपने चाल।पीछे पीठ चलाते गोली,फिर पूछे क्या हाल॥ भोले-भाले बनते सारे,कोई समझ न पाय।अपने ही जब दुश्मन निकले,देख सभी डर जाय॥ विडम्बना ये कैसी आयी,मानव बदले रंग।खुशियाँ सारी लुट गयी … Read more

कभी सोचा न था…

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* तुम्हारी राह देखते-देखते,पथरा जाती थीं जो आँखेंउन्हीं में अश़्क भर दोगे,कभी सोचा न था…। ख़्याल भी न आया कभी,होनी है जुदाई इक दिनतुम यूँ दूरियाँ बना लोगे,कभी सोचा न था…। पहले तुम्हें पाने की खुशी,अब अजनबी होने का गमबेरूखी का ऐसा आलम,कभी सोचा न था…। चले थे जो कदम हम-साथ,दस्तक … Read more

सच्चाई जान कर के चलो

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ वक़्त को स्वीकार कर के चलो।जीत नहीं,हार मानकर के चलो। गरज ख़त्म हुई अपने बेगाने हुए,तक़ाज़ा उम्र का काम कर के चलो। तुमने भी ख़ुशहाली देखी थी कभी,बेटे के सामने सर झुकाकर के चलो। जवानी में सब राज चलाते रहते हैं,चुप रहो ख़ुदा को ताक कर के चलो। सबका वक़्त आता और चला … Read more

वीरता,दृढ़ता का दूजा नाम ‘झाँसी की रानी’

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस विशेष…. रानी लक्ष्मीबाई (जन्म-१९ नवम्बर १८२८, मृत्यु-१८ जून १८५८) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और १८५७ की राज्य क्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ २९ वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हुईं। बताया जाता है कि ये सिर … Read more

इंतजार में…

असित वरण दास,बिलासपुर(छत्तीसगढ़)*********************************************** मैंने देखा है ओस की बूंदों को तड़पते,एक रोशनी के इंतज़ार मेंदेखा है साख पर लगे सूखे पत्तों को सहमे,एक हवा के इंतजार में। मैंने देखा है जख्मी साँसों को,धड़कनों की दहलीज परएक दुआ के इंतजार में। कितने ही पल यूँ ही बीत जाते हैं,बस उदासी मेंपर मुश्किल है जीना एक पल,एक … Read more

सैर गाँव की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आओ तुम्हें सैर हम गाँव की करायेंगे।मुलाकात तुम्हें धूप-छाँव से करायेंगे। पनघट पर जाती हुई गाँव की गौरी,श्रंगार सजी बैठी गाँव की ये छोरी।आज तुम्हें हरे-भरे खेत भी दिखायेंगे,आओ तुम्हें सैर…॥ गायों को हरी-भरी घास मिल जाती है,धरती से प्यार व दुलार भी वे पाती हैं।आज तुम्हें मोरों का नृत्य भी दिखायेंगे,आओ … Read more

दिल से दिल क्या मिला

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** आपके दिल से दिल क्या मिला हीरिए।लुत्फ़ जीने में आने लगा हीरिए। ख़ार भी फूल लगने ‘लगे बाख़ुदा,हो ‘न जाना कभी आप ‘मुझसे जुदा।मिलते ही आपसे हो गया यह यक़ीं,के ख़ुदा है मुह़ब्बत,मुहब्बत ख़ुदा। आप’के दिल से दिल क्या मिला हीरिए।लुत्फ़ ‘जीने में आने लगा हीरिए…। आपकी जब ‘से ह़ासिल मुह़ब्बत … Read more

मुसीबत में घर-परिवार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** टूटी हुई कठिन राह परचलने को हुआ मजबूर,ना कोई सहायक खड़ाव्यथित हृदय है भरपूर। राह कठिन है सबकी परतिनके का सहारा जरूर,मेरा जरा तुम हाल पूछ लोहूँ अभी बड़ा ही मजबूर। चलना था जिस राह परखड़ा ‘कोरोना’ बन दीवार,छीन लिया यह रोजगारमुसीबत में घर-परिवार। चाहता था चलना पाँवों परचलाना बच्चों … Read more

यात्रा संस्कृति की

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** ब्रहमा,विष्णु,महेश के आशीर्वाद से हमारी हस्ती है,वेद,पुराण,गीता,रामायण,महाभारत सरीखी सम्पत्ति है। आदि अनंत काल से परचम फहराया है भारत वर्ष का,यह अमर,अजर गाथा यात्रा हमारी,हमारी संस्कृति है। बड़ों को आदर मान,ॠषि-मुनियों को सदा सम्मान,वसुधैव कुटुंबकम,जग कल्याण हमारी सदा प्रकृति है। राम,कृष्ण,महावीर,बुद्ध की यह जन्म व कर्म भूमि,नानक,तुलसी,मीरा,साधु संतों की व्याप्त भक्ति है। … Read more

समझ नहीं आता… सोच को क्या हो गया!

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** एक तरफ हम कहते हैं कि लड़कियों को पढ़ाओ,और पढ़ाना भी चाहिए क्योंकि एक लड़की को पढ़ाने का मतलब है,पूरे परिवार को पढ़ाना, मगर जो हालात बने हुए हैं,वो देखते हुए हर माँ-बाप बुरी तरह से डर के साए में जीता है। जब तक बिटिया घर न आ जाए,दिल अनगिनत आशंकाओं से … Read more