लघुकथा लेखन को आसान समझना बहुत बड़ी भूल-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

लोकार्पण..... गुरुग्राम(हरियाणा)। लघुकथा लेखन को आसान समझना बहुत बड़ी भूल होगी। लघुकथा आज लोकप्रिय व स्थापित विधा है और किसी भी घटना को संवेदनशीलता से लघुकथा में बदलना चाहिए। एक…

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लघुकथा को हिंदी साहित्य विधा में सम्मानजनक स्थान दिलाने में इंदौर की बड़ी भूमिका

अभिनंदन-सम्मान..... इंदौर(मप्र)। लघुकथा लिखना आसान नहीं चुनौतीपूर्ण है। डाॅ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल ने इस चुनौती को स्वीकार किया। लघुकथा को हिंदी साहित्य की विधा के रूप में सम्मानजनक स्थान दिलाने में…

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‘गणतंत्र दिवस’ पर डॉ. अर्चना मिश्रा शुक्ला व ममता तिवारी ने फहराया जीत का तिरंगा

इंदौर(मप्र)। मातृभाषा हिंदीभाषा के सम्मान की दिशा में इस बार 'गणतंत्र दिवस और हम' पर डॉ. अर्चना मिश्रा शुक्ला व ममता तिवारी ने जीत का तिरंगा फहराया है। हिन्दीभाषा डॉट…

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यह ऋतु मस्तानी

सुखवीन कंधारीनवीं मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************** ‘बसंत पंचमी’ को हिंदी के प्रसिद्ध कविवर ‘सेनापति’ की इन पंक्तियों के साथ सांझा करना चाहती हूँ-'चहकि चकोर उठे,करि-करि जोर उठे।टेर उठी सारिका,विनोद उपजावने।चटकि गुलाब उठे,लटकि…

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रखें अपनी छत्र-छाया

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** हम पेड़ नहीं बन सकते,परन्तु बन सकते है पेड़ जैसाकिसी को छाया दे सकते हैं,किसी को सकून दे सकते है पेड़ जैसा। पेड़ हमको देते…

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मानव कहलाएं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ********************************** माना जीवन कठिन और राहें पथरीली,पाँव जकड़ लेती है अक्सर मिट्टी गीली। मुश्किल होते हैं रोटी के सरस निवाले,फटे-पुराने गज दो गज के शाल-दुशाले। खुले…

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२५१ अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में प्रो.शरद खरे भी शामिल

मंडला(मप्र)। २१वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ व्यंग्य 'संचयन' में देश और विदेश के व्यंग्यकारों की २५१ रचनाओं का चयन प्रतियोगिता के आधार पर किया गया है, जिसमें मंडला के सुप्रतिष्ठित साहित्यकार…

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अंत भला तो सब भला

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* मनुष्य जन्मकोई खेल नहीं है,जीवन जीना भीहै एक कला।कर भला औरों का,होगा तेरा भी भला।मिलेगी उसी को मंज़िल,जो जीवन पथ कीकठिन डगर पर,हिम्मत से है चला।बच जाएगा,हालात…

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मेरे कान्हा

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सागर में बसाई द्वारका,बने द्वारकाधीश कान्हाजरासंध का वध किया,हजार सोलह ब्याही कान्हा। धर्म की रक्षा ख़ातिर,दूत बन हस्तिनापुर आएयुद्ध टालने के लिए,दुर्योधन समझाए कान्हा। धर्म पाण्डव के साथ…

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क्या भरोसा जिंदगी का

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ क्या भरोसा है इस जिंदगी का,साथ देती नहीं यह किसी का।दम निकल जाएगा आदमी का,क्या भरोसा है इस जिंदगी का…॥ हम रहें ना रहें,मोहब्बत रहेगी,दास्तां अपनी…

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