नारी का अंतर्मन
रंजन कुमार प्रसाद रोहतास(बिहार) *************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी जीवन की व्यथा हूँ, किसको आज सुनाऊँ मैं अंतर्मन से दुःखी हूँ, कैसे आज बताऊँ मैं। हाय रे,मेरी जीवनी, आज कष्टों से घिरी हूँ जिन्हें विषय का ज्ञान नहीं, आज उसी से घिरी हूँ। जिस मानव को जन्म दिया, आज उसी से छली हूँ … Read more