माँ की पुकार
डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** माँ बिन…! रहते जब बच्चे नन्हें हमारे,रखते गोद में सहला करपुचकार कर थे बचाते,उन्हें हर मुश्किल-दीवारों से। हुए थोड़े जब बड़े,चलना सिखाया उंगली पकड़करगिरते-उठते हुए संभलते,आज बने…