सभा द्वारा साहित्यकार सम्मानित

इंदौर (मप्र)। श्री श्री साहित्य सभा, इंदौर द्वारा हवा बंगला स्थित महालक्ष्मी मंगल परिसर में साहित्यकारों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। संस्थापक कवि चकोर चतुर्वेदी ने बताया कि, मुख्य…

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ब्रह्माण्ड में…मैं कुछ भी तो नहीं

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** विराट इस ब्रह्माण्ड मेंमैं कुछ भी तो नहीं,तू अनन्त में समायामैं तुच्छ भी तो नहीं। हूँ सूक्ष्म से भी सूक्ष्ममैं बुद्ध भी तो नहीं,समझ सकता जो मायावैसा…

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जिन्दगी किस काम की

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* पत्थर की मूरत बनके उम्रभर,जब बेटी को रहना पड़ जाएहे दवा ऐसी, जिन्दगी ने क्या दी,उलझन, दु:ख सहना पड़ जाए। क्यों नारी को पाषाण मूरत बनाए,पति…

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गाँव बहुत नेहिल लगें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गाँव बहुत नेहिल लगें, लगते नित अभिराम।सब कुछ प्यारा है वहाँ, सृष्टि-चक्र अविराम॥ सुंदरता है गाँव में, फलता है मधुमास।जी भर देखो जो इसे, तो हर…

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ये है कलयुग

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** कलयुग का मानुष बुरा, देख खड़ा है मौन।लुटती बाला रो रही, न्याय दिलाए कौन॥न्याय दिलाए-कौन लाज है, खोती नारी।दुष्ट सोच से, नहीं रही अब, वो अवतारी॥आशा कहती,…

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भारी पड़ गया पैसा

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** मैं कौन और तुम कौन हो…ये रिश्ता-नाता कैसा ?ठीक ढंग से जाँचा-परखा तो,भारी पड़ गया पैसा। बिन काम लोग बात ना करते,रिश्ता-नाता ताक पर धरतेपैसे अगर नहीं…

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फूलों से जीना सीखा

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** सुबह-सुबह मुस्कान लिए,रोज नई पहचान लिएओस की ठंडी बूंदों को,हँसते-हँसते पीना सीखामैंने फूलों से जीना सीखा। कभी देवता के माथे पे,कभी जवानों के कांधे पेमाला बन…

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जयपुर बाल साहित्य सम्मान:अब प्रस्ताव १५ अप्रैल तक

जयपुर (राजस्थान)। आज की बाल्य पीढ़ी महापुरुषों की पराक्रम गाथाओं को याद रखे, सहेजे और उत्प्रेरित हो, इस उद्देश्य से जयपुर साहित्य संगीति ने ऐसे कुछ महायौद्धाओं (राजस्थान) के नाम…

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तकनीक ने किया बच्चों को पुस्तकों से दूर

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** कुछ दशकों पहले तक बच्चों के हाथ में पुस्तकें हुआ करती थीं, अब उनके हाथों में अक्सर मोबाइल या टी.वी. का रिमोट दिखता है, वह कम्प्यूटर पर खेल…

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लोकनायक

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हनुमान जन्मोत्सव विशेष... बुद्धि के दाता,अतुलित चरित्र-हैं हनुमान। सिद्धि सागर,भक्ति-चातुर्य भरे-पवनपुत्र। अनूठे दास,करे सगरे काज-हो समर्पित । वीरों में वीर,असुर हुए चित-अंजनीपुत्र। वीरों में वीर,हर कला निपुण-हैं…

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