बच्चों को जागरूक बनाएँ

सुरेन्द्र सिंह राजपूत ‘हमसफ़र’देवास (मध्यप्रदेश)****************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी... हर साल १४ सितम्बर को हमारे देश में 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है। १९४७ में जब भारत अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद…

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हिंदी के प्रति समर्पित हों, यही जिंदगी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी.... लंदन के साहित्यकार का कथन है कि जब तक हिंदी को मानक स्वरूप नहीं दिया जाएगा, तब तक उसको वैश्विक भाषा के तौर…

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क्रांतिकारी साधु रहे स्वरूपानंदजी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर सारे देश का ध्यान गया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इसके बावजूद कि स्वरुपानंदजी नरेंद्र…

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भाषाओं के लिए जंतर-मतर पर धरने की रणनीति बनाई बैठक में

नई दिल्ली। भारत के संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाकर केवल भारत रखे जाने शिक्षा, रोजगार व न्याय भारतीय भाषाओं में दिए जाने और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने को…

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हिंदुस्तान हमारा है

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** जाग उठो ऐ वीर जवानों,हिंदुस्तान हमारा है।सबक सिखा दो अरि को रण में,जिसने भी ललकारा है॥ आँख नोंच लेना तुम उनकी,जो भी आँख लड़ाते हो।हाथ…

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अक्षर ज्ञान जरूरी

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** अक्षर ज्ञान जरूरी है,साक्षरता की यह धुरी हैसफलता का करता मार्ग प्रशस्त,जन-जन की मजबूरी है। अक्षर से चमकेगी किस्मत,यह ज्ञान की खूबसूरत रंगशाला हैमधुर मुस्कान बढ़ाने में,सबसे उन्नत खोज…

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कम योगदान नहीं रहा मण्डी के सेनानियों का

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आजादी का अमृत महोत्सव.... गुलामी की जंजीरों से मुक्ति का संघर्ष लगभग विश्व के अधिकतर देश समय- समय अपने-अपने ढंग से करते आए हैं और उसी…

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मालिक बनो मन के

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** खबर भी ना होती और, मन हमको छल जाता है,इल्म होने तक संभलने का, वक्त निकल जाता है। बड़ी तेज रफ्तार है मन की, पकड़ ना…

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तुम काम वाले हो

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* श्राद्ध पक्ष विशेष.... सादर नमन, कोटि नमन श्राद्ध पक्ष,पितृ गण को तृप्त करते, पितृ पक्ष। पिता पितामह को तर्पण करना है,बिन तर्पण किए जल नहीं पीना…

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ओ मानव! तू कितना ढोंगी

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* ओ मानव! तू कितना ढोंगी,ओढ़ चादर लोलुपता कीतू आगे बढ़ता जाता। अन्तर्मन की महत्वाकांक्षा को,मृदुल भावों का हार पहनायाप्रपंचों-आडंबरों का तू नित्यानंद,कैसे पल-पल समय गंवाता ?…

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