जल है तो कल है
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** जल ही कल.... जल कहता-इंसान व्यर्थ क्यों ढोलता मुझे,प्यास लगने पर तभी तोखोजने लगता है मुझे। बादलों से छनकर मैं,जब बरस जातासहेजना ना जानता,इंसान इसलिए तरस जाता।…