जागरूकता सहित अमल करना होगा

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** हो हरित वसुन्धरा.... हम बहुत से वरिष्ठजन नियमित रूप से शाम के समय मैदान में बैठ आपस में किसी भी विषय पर बातचीत करते आ रहे…

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मृदुभाषी बनें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जीवन हो निर्मल, भाषा अविरल, मृदुवाणी का, ध्यान धरें।मन होवे सुंदर, समता अंतर, मानवता का, मान करें॥छल और छलावा, व्यर्थ दिखावा, त्याग सभी जन, नित्य बढ़ें।जनहित…

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जल ही कल है

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** जल ही कल.... जल ही कल हैजीवन पल-पल है,बहती नदिया मेंअमृत का बल है। कहीं तालाबों मेंकहीं झरनों में,स्वर प्राण वायु काबहता कल-कल है। मेघों में राग…

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जल बचाना, मतलब प्राण

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* जल ही कल... हे पावन गंगा मैया, तुम्हें प्रणाम,गगन से बरसते जल तुझे प्रणाम। हम सबके लिए जल ही जीवन है,अगर जल नहीं मिला तो, मरन…

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जल ही कल का हर इक जीवन

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* जल ही कल.... जल ही कल का हर इक जीवन, जल से ही यह धरती उपवन।अम्बर से जल बरसे तब ही, सजते हैं सारे…

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इंसान की तक़दीर

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)************************************************** पापकर्मों के समापन की, करनी होगी शुरुआत,वरना पाते रहेंगे हम, दु:ख-दर्द के अनेक आघात। झांको जरा अन्तर्मन में, प्रत्येक दिन का अतीत,कैसी-कैसी मुश्किलों में, ये जीवन…

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दर्द

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* वह अपने दर्द को,दवा से दबा देती हैवो भी अपने दर्द को,सहने की कोशिशकरता रहता है,कमरे के एक हीपलंग पर दोनोंअपनी-अपनी जगह सोए पड़े रहते हैं…दर्द…

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प्यासे कौए जैसे परिश्रम की आवश्यकता

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** जल ही कल..... जी हाँ, यह बिल्कुल सत्य है कि जल है तो कल है। इसके बिना हम सभी प्राणियों का जीवित रहना असंभव है, इसलिए ऐसा…

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देख उसे मन में आनंदा

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** रचनाशिल्प:यह विधा ४ पंक्तियों की रचना, विधा में २ सखियाँ परस्पर वार्तालाप करती है, प्रथम ३ पंक्तियों में एक सखी दूसरी अंतरंग सखी से अपने साजन-पति…

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धर्मपरायणता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* "क्या,डॉक्टर साब ! ५ तारीख के पहले एबॉर्शन संभव नहीं ?""नहीं ! मेरी कोई डेट खाली नहीं, पर आपको ५ तारीख में क्या प्रॉब्लम है…

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