आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* ‘आत्मजा’  खंडकाव्य से,अध्याय-८ … बोली माँ पति से समझा कर, अब है समय नहीं सोने का खोजो वर सुयोग्य बेटी को, नहीं एक भी क्षण खोने का। हुई सयानी बेटी अपनी, लगी समझने वह सब बातें भावी के प्रति ही आकर्षण, बढ़ता ज्यों बढ़ती दिन-रातें। रहती वह खोयी-खोयी-सी, जैसे अपने को … Read more

श्रृंगार धरा का

डॉ.आभा माथुर उन्नाव(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… आओ करें श्रृंगार धरा का, नूतन वस्त्राभूषणों से हरीतिमा की चुनर लाओ, शर्माई धरती को सजाओl पुष्पगुच्छ के कर्णफूल हों, पकी फ़सल हो स्वर्णमेखला कर सोलह श्रृंगार वधू का, प्रियतम के समीप ले जाओl कलकल ध्वनि से वह हास करे, खग कलरव से नित नृत्य … Read more

हमारी पृथ्वी

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… पृथ्वी है हमारी सब ग्रहों से न्यारी, इसमें ही ईश्वर जड़े हैं जीवों की क्यारी सब ग्रहों में इसका बड़ा मान है, इस पर हम सबका अभिमान है। है यह ममतामयी माता-सी महान, चोट खाकर भी हमें देती खाद्यान्न सीने को चीर देती … Read more

हुंकार

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* अपने श्रम को बेचने वाले श्रमिकों, एक हो जाओ जैसे- एक हो जाती हैं आग की लपटें, अब नहीं है तुम्हारे पास, खोने के लिए कुछ भी। तुम्हारा जीवन, जकड़ा है आर्थिक विकास के चरित्र से, तार-तार होकर जीवन चला रहे हो, फिर भी मरते हैं क्यों तुम्हारे बच्चे भूख से … Read more

न आँचल मैला होगा,रखेंगे स्वच्छ

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… चिंटू ने भी मनाया मिंटू ने भी मनाया, सबने पटाखे छोड़े खूब धुआं उड़ाया। मोमबत्ती भी जलाई और फिर बुझाई, और सबने खुशी से खाई खूब मिठाई। कब किसको बूढ़ी माँ का ध्यान आया, कब किसी ने उसका जन्मदिन मनाया। युगों से पालन में … Read more

माँ धरती

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… प्रकृति को छेड़ के क्यों कर रहा नाश, दुनिया का ऐसे में हो जाएगा विनाश। भौतिक साधनों से हो गया लाचार, पर्यावरण को कर दिया दूषित और बेकार। ना कर इंसा ऐसी नादानी, जीवन दे के पड़ेगी कीमत चुकानी। ना दिखा ऐसे विकास के सपने, … Read more

चुनाव चौपाल

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** आचार संहिता बनी तमाशा,चुनाव आयोग हुआ पंगु,  नेता भए राजा भोज,इलेक्शन कमिशन बना तेली गंगू।    सुप्रीम कोर्ट ने लगाई  फटकार,तब जागा आत्म बोध,  स्वतः संज्ञान के भूले में यूं हुआ जागृत कर्तव्य प्रबोध।    योगी माया पर चली चाबुक,लगी प्रचार पर रोक,  आजम-मेनका पर कसी नकेल,छाया खेमे में शोक।   … Read more

धरती बचाओ

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सिसक रही है धरती माँ, अश्रुधारा बहा रही है। भीगा-भीगा आँचल उसका, दर्द अपना छिपा रही है। उसके सीने में घाव गहरे, चुपचाप सहला रही है। अपनों ने दिए जख्म ऐसे, मरहम उन पर लगा रही है। सुबक रही है वो बेचारी, लोग … Read more

तो फिर इश्क़ करना नहीं जानते हो

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** अगर तुम मचलना नहीं जानते हो, तो फिर इश्क़ करना नहीं जानते हो। ये गिरकर संभलने की बातें हैं झूठी, कभी जान अटकी-कभी साँस टूटी। अगर दर्द सहना नहीं जानते हो, तो फिर इश्क़ करना नहीं जानते हो। सारे गमों को समेट साथ लेकर के चलना, कभी खुद से बिछड़ना … Read more

पृथ्वी

तृप्ति तोमर  भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… पृथ्वी है हमारी घर,जीवनदायिनी, है नारी की भाँति सर्वगुण सम्पन्न गृहिणी। उपजे इस पृथ्वी पर अनेक वीर, पृथ्वी को बचाने दुश्मन पर चलाये तीर। प्रकृति के अनेक रंग से सजी पृथ्वी, जीवन के हर साज से निखरती पृथ्वी। सात रंग के रंगों से सजा इसका … Read more