होली समरस का त्यौहार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आया है खुशनुमा त्यौहार, द्वेष घृणा स्वार्थ विकार समन्वित धर्म जाति भाषा विभेद सभी का, होलिकाग्नि में होता है संहार। महाविजय का परिचायक, सौहार्द सौम्यता सौख्य मनोहर विविध रंगों से रंजित तन-मन, सुमित स्नेह मनभावन जीवन। तमसो मा ज्योतिर्गमय, इस वेदमन्त्र से हो आलोकित आया होली का त्यौहार। … Read more

होली में उड़े गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल रंग हुआ लाल, होली का सुखद त्योहार पीली सरसों नारंगी पलाश, भूले मलाल भूले मलाल आज है ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल रंग हुआ लालl मदमस्त हुआ है आलम, सजनी बहके संग बालम चितचोर हुए हैं सांवरे, पहनावे गलबहियन हार उड़े गुलाल रंग हुआ लालl चितवन में … Read more

न जाने कैसी होली है!

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** रंगो में उत्साह नहीं है, और उमंगें अनबोली है। न जाने कैसी होली है…!! मुस्कानें हो गई खोखली, न नैनों में है न वो मस्ती… रंग सभी बेरंग हो गये, न कोई हँसी-ठिठोली है। न जाने कैसी होली है…!! ढोल-नगाड़े मंद हो गये, चंगों के स्वर बंद हो गये… मौसम … Read more

अनेकता में एकता

सुरेश जजावरा ‘सुरेश सरल’ छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश) ****************************************************** अनेक रंग अनेक रूप, अनेक पंथ है जहां। अनेक धर्म अनेक कर्म, अनेक भाषा बोलियां जहां। विविध रंगों से रंगा हुआ, एक मेरा हिन्दुस्तां। एक मेरा हिन्दुस्तां…॥ हैं शब्द अनेक सुर अनेक, अनेक जाति अनेक वर्ण जहां। है भेद-भेद से भरा हुआ, है एक वृक्ष,अनेक पर्ण जहां। यौवन उपवन-सा … Read more

बुरा न मानो भाई होली है

वाणी बरठाकुर ‘विभा’ तेजपुर(असम) ************************************************************* बुरा न मानो भाई होली है, ये तो मस्तानों की टोली है। हम भी कुछ लेकर आए हैं झोली में, अरे भाइयों पहले रंग न लगाओ एक मिनट के लिए रूक जाओ। पुलवामा पर हुए शहीदों के लिए, मौन श्रद्धांजलि अर्पित करो। स्वाभिमान की पिचकारी में, हृदय भाव का जल … Read more

बाबुल तेरे अंगना में

रुपा कुमारी हावड़ा(पश्चिम बंगाल) ************************************************************* बाबुल तेरे अंगना में, मैं मस्त हवा का झोंका हूँ। बाबुल तेरे शहर में, मैं परियों की शहजादी हूँ। बाबुल तेरे अंगना की, मैं चहकती पंछी हूँl बाबुल तेरे बागों में, मैं महकता फूल हूँ। बाबुल तेरे अंगना में, मुझे पल-पल तेरा प्यार मिला। बाबुल तेरे शहर में, संग सबका … Read more

जगती चेतना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* मँहगाई से ऊब चुका हूँ थोड़ी साँस हमें लेने दो, जग में व्याप्त बुराई से लड़-लड़ कर मैं टूट गया हूँ, थोड़ा मुझे सुधर लेने दो। दुनिया के झंझावातों को पागल-सा न जाने कबसे, रो-रोकर मैं झेल रहा हूँ सच पूछो तो मन व्याकुल है, जरा इसे बहला लेने दो। अब … Read more

रंगों की फुहार

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** राधा बृषभान की छोरी,प्रेम रंग से खेले होली, मन पर प्रेम र॔ग की पिचकारी,श्याम ने खूब मारी… अंग-अंग,रोम-रोम भीगा,राधा श्याम की होली। गोपियों का महारास,बना गोकुल की पहचान, माखन-मिसरी के बहाने नाचे जगत कन्हैया… गोपियाँ श्याम स॔ग होली,प्रेम रंग से खेलें होली। भक्ति के रंग में एक बालक ने खेली होली, … Read more

सीमा

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** सीमाओं के भीतर रहकर, अपने कार्य करते जाओ मंजिल का रख ध्यान सदा, तुम आगे ही बढ़ते जाओ। जीवन में मेहनत करने की, होती नहीं है कोई सीमा चले सत्य के साथ सदा जो, उन्हें रोक सके ना कोई सीमा। पर कभी-कभी तुम सीमाओं से, बाहर जाना भी सीखो बाहर … Read more

जुल्म और जुर्म

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** जुर्म कर रहे हैं वो जुल्म सह रहे हैं जो, बंध के बंदिशों की बेड़ियों में रह रहे हैं जो। जो तूफानों का कभी मोड़ रूख देते थे, आजकल बिन हवाओं के बह रहे हैं वो। जो उठाते थे आवाज सबके हित के लिये, अब हो गये स्तब्ध कुछ न … Read more