होली समरस का त्यौहार
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आया है खुशनुमा त्यौहार, द्वेष घृणा स्वार्थ विकार समन्वित धर्म जाति भाषा विभेद सभी का, होलिकाग्नि में होता है संहार। महाविजय का परिचायक, सौहार्द सौम्यता सौख्य मनोहर विविध रंगों से रंजित तन-मन, सुमित स्नेह मनभावन जीवन। तमसो मा ज्योतिर्गमय, इस वेदमन्त्र से हो आलोकित आया होली का त्यौहार। … Read more